क्या भारत के पास है अमेरिका जैसे शक्तिशाली हथियार? जानें ब्रह्मोस और अग्नि-5 की ताकत

अंतरराष्ट्रीय समाचार: अमेरिका की भूमिका
International News: इजराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिका की भागीदारी ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर स्थलों पर बी-52 बमवर्षकों और सबमरीन से लॉन्च की गई मिसाइलों से हमला किया। इस हमले में 'बंकर बस्टर' बम GBU-57 MOP का उपयोग किया गया, जिसे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एक सटीक हमले से दुश्मन की न्यूक्लियर क्षमता को समाप्त किया जा सकता है। अब भारत में यह चर्चा हो रही है कि क्या भारतीय सेना के पास भी ऐसी मिसाइलें हैं जो पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को एक ही हमले में नष्ट कर सकती हैं?
ब्रह्मोस: भारत का सुपरसोनिक विनाशक
ब्रह्मोस: भारत का सुपरसोनिक विनाशक हथियार
ब्रह्मोस मिसाइल, जिसे भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है, 3,704 किमी प्रति घंटे (मैक 3) की गति से हमला करती है और इसकी रेंज 290 से 600 किलोमीटर तक है। यह जमीन, समुद्र और हवा से दागी जा सकती है, जिससे यह बेहद लचीली और बहुपरकारी बनती है। इसकी सबसे बड़ी ताकत इसकी सटीकता और उच्च गति है, जो इसे दुश्मन के मजबूत बंकरों को भेदने में सक्षम बनाती है। ब्रह्मोस का हाइपरसोनिक संस्करण, ब्रह्मोस-2, भी विकासाधीन है, जिसकी गति मैक 8 तक हो सकती है और रेंज 1,000 किमी तक बढ़ाई जा सकती है।
अग्नि-5: एक ही लॉन्च में कई लक्ष्य
अग्नि-5: एक लॉन्च, कई निशाने
अग्नि-5 भारत की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज 5,500 से 6,000 किमी तक है। यह MIRV तकनीक से लैस है, जिससे यह एक ही लॉन्च में कई लक्ष्यों को अलग-अलग दिशाओं में निशाना बना सकती है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में पूरी तरह सक्षम है। इसकी रेंज में पाकिस्तान पूरी तरह आता है और इसकी सटीकता इतनी है कि दुश्मन के सबसे गुप्त बंकर भी बच नहीं सकते। भारत के पास इससे पूरे पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को एक ही हमले में नष्ट करने की क्षमता है।
ET-LDH: भारत का हाइपरसोनिक भविष्य
ET-LDH: भारत का हाइपरसोनिक भविष्य
DRDO द्वारा विकसित ET-LDHCM मिसाइल भारत की सबसे उन्नत हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जा रही है। यह प्रोजेक्ट 'विष्णु' के तहत विकसित हो रहा है। इसकी गति और सटीकता इसे दुश्मन की एयर डिफेंस को चकमा देकर सटीक निशाना लगाने में सक्षम बनाती है। इस मिसाइल से भारत की स्ट्राइक क्षमता और तकनीकी बढ़त में वृद्धि होगी, जिससे पाकिस्तान के भूमिगत नेटवर्क के खिलाफ एक और विकल्प उपलब्ध होगा।
भारत के पास क्यों है अमेरिका जैसे हथियारों का जवाब
भारत के पास क्यों है जवाब अमेरिका जैसे हथियारों का
हालांकि अमेरिका ने GBU-57 जैसे ग्रैविटी बम का उपयोग किया है, लेकिन भारत की मिसाइल स्ट्राइक रणनीति अलग है। भारत उच्च गति, गाइडेड और बहु-एंगल अटैक मिसाइलों का उपयोग करता है, जो अत्यधिक सटीक और तेज होती हैं। तकनीक भिन्न हो सकती है, लेकिन लक्ष्य वही है—दुश्मन की न्यूक्लियर क्षमता को समाप्त करना।