क्या मोदी और ट्रंप की मुलाकात से बदलेंगे भारत-अमेरिका संबंध? जानें आसियान शिखर सम्मेलन की तैयारी

आसियान शिखर सम्मेलन में संभावित मोदी-ट्रंप मुलाकात
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जानकारी दी कि इस महीने के अंत में मलेशिया में आयोजित होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात की संभावना पर विचार किया जा रहा है। यह सम्मेलन 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर में होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि सम्मेलन की तैयारियां चल रही हैं और बैठक की पुष्टि उचित समय पर संबंधित अधिकारियों द्वारा की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत संभव है.
ट्रंप के आयात शुल्क का प्रभाव
यदि यह बैठक होती है, तो यह ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने मुलाकात होगी। अमेरिका ने भारत के रूस से तेल आयात को इस शुल्क का कारण बताया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक विवाद उत्पन्न हुआ है.
यात्रा की औपचारिक घोषणा का इंतजार
मलेशिया ने भारत को सूचित किया है कि ट्रंप आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर में रहेंगे। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है, लेकिन तैयारियां जारी हैं। अमेरिकी पक्ष ने भी व्हाइट हाउस या विदेश विभाग की ओर से ट्रंप की यात्रा पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच संभावित बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच लंबित व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाना है। सितंबर में, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी। इस वार्ता में भारत-अमेरिका संबंधों को "अत्यंत महत्वपूर्ण" बताते हुए व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स और महत्वपूर्ण खनिजों को प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था.
26 अक्टूबर तक का समय
मोदी और ट्रंप की कुआलालंपुर में मुलाकात इस बात पर निर्भर करेगी कि व्यापार वार्ता कितनी प्रगति करती है। यदि यह बैठक होती है, तो दोनों पक्षों के पास समझौते को अंतिम रूप देने के लिए 26 अक्टूबर तक का समय होगा। इस बैठक के महत्व को देखते हुए, यह भारत-अमेरिका संबंधों और क्षेत्रीय व्यापार रणनीति के लिए एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है.
आसियान शिखर सम्मेलन का महत्व
कुल मिलाकर, आसियान शिखर सम्मेलन मोदी और ट्रंप के बीच व्यापारिक और रणनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाने का एक मंच बन सकता है, जबकि दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों पर समझौता करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है.