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क्या यासीन मलिक को मिलेगी सजा? 1990 के हमले में गवाहों ने किया बड़ा खुलासा

जम्मू में चल रही टाडा अदालत में 1990 के हमले के मामले में यासीन मलिक के खिलाफ दो गवाहों ने महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। गवाहों ने मलिक को मुख्य हमलावर के रूप में पहचाना और अन्य आरोपियों की भी पहचान की। इस मामले में नए सिरे से गवाहों के सामने आने से प्रभावित परिवारों को न्याय की उम्मीद जगी है। अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी, जिससे मामले में तेजी आएगी। क्या यासीन मलिक को मिलेगी सजा? जानें पूरी कहानी।
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क्या यासीन मलिक को मिलेगी सजा? 1990 के हमले में गवाहों ने किया बड़ा खुलासा

जम्मू में टाडा अदालत में सुनवाई का नया मोड़


नई दिल्ली : 1990 में भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या से जुड़े मामले में जम्मू में चल रही टाडा अदालत की सुनवाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के पूर्व आतंकवादी यासीन मलिक के खिलाफ दो प्रमुख गवाहों ने अदालत में अपने बयान दिए हैं। इन गवाहों ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने हमले के दौरान मलिक को मुख्य हमलावर के रूप में देखा था।


गवाह की पहचान और मलिक का चेहरा

दाढ़ी की शैली बदली है, लेकिन चेहरा नहीं
सुनवाई के दौरान एक गवाह ने जब अदालत में मलिक को पहचाना, तो उसके शब्दों ने सभी का ध्यान खींचा। गवाह ने कहा, "तुम्हारी दाढ़ी की शैली बदली है, लेकिन चेहरा नहीं। मैं तुम्हें बतौर मुख्य हमलावर पहचान सकता हूँ।" उसने यह भी बताया कि मलिक ने एयर फोर्स कर्मियों पर गोलियां चलाई थीं, जिसमें स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना सहित चार अधिकारियों की मौत हुई और 22 अन्य घायल हुए थे।


अन्य आरोपियों की पहचान

तीन अन्य आरोपियों की भी पहचान
गवाह ने केवल मलिक ही नहीं, बल्कि अन्य तीन आरोपियों शौकत बख्शी, नन्ना जी, और जावेद अहमद की भी पहचान की। गवाह के अनुसार, ये सभी हमले के समय घटनास्थल पर मौजूद थे और सक्रिय रूप से शामिल थे।


हमले का भयावह अनुभव

मौत के साये से बच निकलने की दास्तान
गवाह ने अदालत में बताया कि हमले के समय स्थिति कितनी भयानक थी। उसने कहा कि नन्ना जी ने उस पर AK राइफल तान दी थी, लेकिन उसने किसी तरह खुद को बचा लिया। गवाह ने बताया कि गोलियों की आवाजें गूंज रही थीं और चारों ओर अफरा-तफरी थी। एक घायल अधिकारी को अस्पताल ले जाने में वे सफल हुए।


चार अधिकारियों की दुखद मौत

“चार अधिकारी अब नहीं रहे”
गवाह ने भावुक होकर कहा कि अस्पताल पहुँचाने के बाद भी उन्हें यह नहीं पता चला कि कौन बचा है और कौन नहीं। अगले दिन उन्हें पता चला कि चार घायल अधिकारी दम तोड़ चुके हैं, जिससे पूरे कैंप और स्थानीय लोगों में गहरा सदमा छा गया।


मलिक की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उपस्थिति

जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए मलिक
यासीन मलिक, जो वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहा है, अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहा। अदालत ने सभी प्रमुख गवाहों की जिरह की अनुमति दी है। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक एस.के. भट्ट भी सुनवाई के दौरान मौजूद थे।


न्याय की उम्मीद

परिवारों को न्याय की ओर कदम
यह मामला 35 वर्षों से चल रहा है और अब जब अदालत में नए गवाह सामने आ रहे हैं, तो प्रभावित परिवारों को पहली बार न्याय की उम्मीद महसूस हो रही है। अभियोजन पक्ष, जिसकी अगुवाई एस.के. भट्ट कर रहे हैं, ने अदालत के सामने ठोस साक्ष्य और गवाही पेश की है, जिससे मामले में नई गति आई है। अगली सुनवाई 29 नवंबर को तय की गई है और मामले को फास्ट-ट्रैक आधार पर आगे बढ़ाया जा रहा है।