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क्या राजनाथ सिंह की चीन यात्रा से सुधरेंगे भारत-चीन संबंध?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस महीने के अंत में चीन के क़िंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। यह यात्रा 2020 के गलवान संघर्ष के बाद उनकी पहली चीन यात्रा होगी और इसे दोनों देशों के बीच रक्षा और कूटनीतिक संबंधों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की संभावना है, जिसमें सीमा तनाव को कम करने और हवाई संपर्क को पुनः स्थापित करने जैसे विषय शामिल हैं। जानें इस यात्रा का महत्व और इसके संभावित परिणाम।
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क्या राजनाथ सिंह की चीन यात्रा से सुधरेंगे भारत-चीन संबंध?

राजनाथ सिंह का चीन दौरा

इस महीने के अंत में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन के क़िंगदाओ जाने की योजना बना रहे हैं। यह यात्रा 2020 में हुए गलवान संघर्ष के बाद उनकी पहली चीन यात्रा होगी, जो इसे विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाती है। चीन इस वर्ष SCO शिखर सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है और भारतीय रक्षा मंत्री को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है।


चीन यात्रा का महत्व

राजनाथ सिंह की यह यात्रा भारत और चीन के बीच रक्षा और कूटनीतिक संबंधों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है। यह यात्रा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की वापसी के समझौते के बाद हो रही है। अक्टूबर 2024 में इस समझौते के बाद, दोनों देशों ने सैनिकों की वापसी और गश्त को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई थी। यह यात्रा तनाव को कम करने और संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयासों का हिस्सा मानी जा रही है।


संवाद की संभावनाएं

यह यात्रा कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान कर सकती है। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव को कम करने और द्विपक्षीय संबंधों को पुनः स्थापित करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को बल मिला है। इस यात्रा के दौरान कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने, हवाई संपर्क को पुनः स्थापित करने, हाइड्रोलॉजिकल डेटा के आदान-प्रदान को फिर से शुरू करने और वीजा तथा लोगों के बीच आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने पर भी बातचीत हो सकती है।


कूटनीतिक प्रयासों की प्रगति

हाल के समय में, दोनों देशों ने आपसी संबंधों को सुधारने के लिए कूटनीतिक स्तर पर प्रयास तेज़ किए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून के बीच पिछली मुलाकात, जो लाओस में एडीएमएम-प्लस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी, सैनिकों की वापसी के समझौते के बाद उनकी पहली मुलाकात थी। इस बैठक में सीमा विवाद और सैनिकों की वापसी के समझौते पर चर्चा हुई थी।


भारत का SCO में समर्थन

भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के लिए चीन की अध्यक्षता को समर्थन दिया है। हाल ही में दिल्ली में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीनी उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग के बीच हुई बैठक में इस समर्थन पर जोर दिया गया था। इस बैठक में दोनों देशों के बीच सहयोग को और प्रगति देने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई थी। भारत ने यह भी कहा कि वह चीन के साथ मिलकर एससीओ के भीतर क्षेत्रीय सुरक्षा, व्यापार और अन्य वैश्विक मुद्दों पर काम करने को तैयार है।