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क्या वैश्विक प्रतिभा की आवाजाही पर रोक लगाना देशों के लिए होगा नुकसानदायक?

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा कि पेशेवरों की आवाजाही में बाधाएं देशों के लिए दीर्घकालिक नुकसान का कारण बन सकती हैं। उन्होंने बताया कि आज की दुनिया में प्रतिभा सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है और इसे साझा करना विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। जयशंकर ने इमिग्रेशन से जुड़े राजनीतिक मुद्दों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि कई विकसित देशों में कुशल पेशेवरों का स्वागत किया जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अवैध प्रवासन मानव तस्करी से जुड़ा होता है और कानूनी मार्ग ही सही है। जानें इस विषय पर उनके और क्या विचार हैं।
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क्या वैश्विक प्रतिभा की आवाजाही पर रोक लगाना देशों के लिए होगा नुकसानदायक?

जयशंकर का बयान

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि जिन देशों ने पेशेवरों की आवाजाही में बाधाएं डाली हैं, वे भविष्य में नुकसान उठाएंगे। उन्होंने बताया कि आज की दुनिया में प्रतिभा सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है। देशों को यह समझना चाहिए कि प्रतिभा का आदान-प्रदान ही विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत लगातार यह संदेश दे रहा है कि सीमा पार काम करने वाले लोग किसी देश की कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी ताकत होते हैं। इस सोच में बदलाव लाना अत्यंत आवश्यक है।


बाधाओं का कारण

जयशंकर ने बताया कि इमिग्रेशन से जुड़े मुद्दों का राजनीतिक लाभ उठाया जाता है। कुछ देश वोट बैंक के डर से पेशेवरों की एंट्री पर रोक लगाते हैं। उन्होंने कहा कि कई विकसित देशों में उद्यमियों और तकनीकी विशेषज्ञों की राय इसके विपरीत है। वे अधिक कुशल लोगों का स्वागत करते हैं ताकि अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके। लेकिन राजनीतिक कारणों से यह प्रक्रिया बाधित होती है, जो अंततः उन देशों के लिए महंगी साबित होगी।


H-1B वीज़ा पर सख्ती

ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में H-1B वीज़ा पर भारी शुल्क और सख्त नियम लागू किए हैं, जिससे विदेशी पेशेवरों का अमेरिका में प्रवेश कठिन हो गया है। जयशंकर ने बिना नाम लिए कहा कि यह धारणा गलत है कि बाहर से आने वाले लोग नौकरियां छीनते हैं। असल में, कई देशों ने अपनी फैक्ट्रियां बाहर भेज दी हैं, जिससे नौकरियों की कमी आई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि लोग नहीं जाएंगे, तो काम भी बाहर चला जाएगा।


भारत की भूमिका

जयशंकर ने कहा कि भारत को वैश्विक मंच पर यह स्पष्ट करना होगा कि सीमा पार काम करने वाले लोग आपसी लाभ उत्पन्न करते हैं। उन्होंने बताया कि तकनीक और व्यापार से जुड़े लोग इस विचार का समर्थन करते हैं, लेकिन राजनीतिक नेतृत्व कई बार इसे रोक देता है। भारत को अपने हितों को मजबूती से वैश्विक स्तर पर रखना चाहिए ताकि भारतीय पेशेवरों को उचित अवसर मिल सकें।


कानूनी आवाजाही का महत्व

जयशंकर ने कहा कि दुनिया वैश्वीकरण की ओर बढ़ रही है, लेकिन आवाजाही पर चर्चा कम होती है। व्यापार पर सभी बात करते हैं, लेकिन काम और प्रतिभाओं की आवाजाही को नजरअंदाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष भारत में 135 अरब डॉलर का रेमिटेंस आया, जो अमेरिका को किए गए कुल निर्यात का लगभग दोगुना है। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रतिभा की आवाजाही कितनी आवश्यक है।


अवैध आवाजाही पर चेतावनी

जयशंकर ने कहा कि अवैध प्रवासन मानव तस्करी और अपराध से जुड़ा होता है। यह राजनीतिक और अलगाववादी एजेंडा चलाने वाले गिरोहों के हाथ में चला जाता है। उन्होंने कहा कि कानूनी मार्ग ही सही रास्ता है और देशों को मिलकर अवैध नेटवर्क को तोड़ने की आवश्यकता है। भविष्य का विकास टैलेंट, कानून और वैश्विक सहयोग पर निर्भर करेगा। किसी भी देश के लिए दीवारें खड़ी करना समाधान नहीं है।


कौन होगा लूज़र?

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि उन्नत विनिर्माण की दिशा में बढ़ते देशों को अधिक प्रतिभा की आवश्यकता होगी। यदि वे अपनी सीमाओं को और सख्त करेंगे, तो वे खुद सबसे बड़े लूज़र साबित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिभा को रोकना विकास को रोकना है, और आज की दुनिया में कोई भी देश अकेले नहीं चल सकता।