क्या शेख हसीना का भारत में ठहरना उनके भविष्य को प्रभावित करेगा?
शेख हसीना का भारत में ठहराव
नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक समिट के समापन पर चर्चा करते हुए बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत में ठहरना पूरी तरह से उनका व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के कारण उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ी, जो उनके इस निर्णय का मुख्य कारण है। पिछले साल अगस्त में उनके 15 साल के कार्यकाल का हिंसक अंत हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। हाल ही में, ढाका की एक विशेष अदालत ने हसीना को मौत की सजा सुनाई थी, जिसके बाद वह भारत आईं और तब से यहीं रह रही हैं।
हसीना की सुरक्षा और शरण
हसीना जितना चाहें, रह सकती हैं
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री को सुरक्षा और मानवीय आधार पर शरण देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने उन पर कोई दबाव नहीं डाला है, और यह पूरी तरह से हसीना पर निर्भर करता है कि वे अपने भविष्य के लिए क्या निर्णय लेती हैं। विदेश मंत्री ने कहा, "वे एक असाधारण परिस्थिति में भारत आई थीं, और यही परिस्थिति उनके भविष्य के निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।"
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर चर्चा
नई व्यवस्था का पहला लक्ष्य पारदर्शी चुनाव
जयशंकर ने बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता के लिए निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनावों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान अंतरिम सरकार ने जनवरी 2024 के चुनावों को लेकर गंभीर आपत्तियां जताई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि चुनाव ही सबसे बड़ी समस्या हैं, तो नई व्यवस्था का प्राथमिक लक्ष्य पारदर्शिता होनी चाहिए।
भारत का आशावाद
द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर भारत आशावादी
विदेश मंत्री ने आशा व्यक्त की कि बांग्लादेश में जब भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत नई सरकार बनेगी, तब भारत के साथ संबंधों में संतुलन और परिपक्वता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत की हमेशा यही इच्छा रही है कि बांग्लादेश प्रगति करे और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़े।
हसीना के प्रत्यर्पण की स्थिति
शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कई बार शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत ने इस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत वर्तमान में स्थिति को शांतिपूर्ण और राजनीतिक रूप से स्थिर होने का इंतज़ार कर रहा है। निकट भविष्य में होने वाले चुनाव दोनों देशों के राजनयिक संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं। इस समय, हसीना का भारत में ठहरना और द्विपक्षीय संबंधों की दिशा ढाका में बनने वाली राजनीतिक परिस्थितियों पर निर्भर करती है।
