Newzfatafatlogo

क्या हमास को मिलेगी अंतिम चेतावनी? ट्रंप ने दी सख्त अल्टीमेटम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को एक कड़ी चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि हमास अमेरिकी शांति योजना को नहीं अपनाता, तो उसे पूर्ण विनाश का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के समर्थन का भी उल्लेख किया और कहा कि यह हमास का अंतिम मौका है कि वह बंधकों को रिहा करे और संघर्षविराम को स्वीकार करे। इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि ग़ाज़ा संकट अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है।
 | 
क्या हमास को मिलेगी अंतिम चेतावनी? ट्रंप ने दी सख्त अल्टीमेटम

ट्रंप की हमास को चेतावनी

ट्रंप की सख्त चेतावनी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग़ाज़ा संकट के संदर्भ में हमास को एक कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर हमास अमेरिकी शांति योजना को नहीं अपनाता और ग़ाज़ा पर अपना नियंत्रण नहीं छोड़ता, तो उसे 'पूर्ण विनाश' का सामना करना पड़ेगा। यह अल्टीमेटम उन्होंने रविवार शाम 6 बजे (वॉशिंगटन समय) तक दिया है, जो उनके बयान से ठीक 12 घंटे पहले आया।


नेतन्याहू का समर्थन


ट्रंप ने CNN को दिए एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उनकी शांति योजना का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "Yes on Bibi," यानी नेतन्याहू अमेरिका की शांति योजना के साथ हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह जल्द ही जानने की कोशिश करेंगे कि क्या हमास वास्तव में शांति के लिए प्रतिबद्ध है या नहीं।


नागरिकों की सुरक्षा


इस घटनाक्रम के पीछे ट्रंप की 20 सूत्रीय शांति योजना है, जिसे उन्होंने शुक्रवार को सार्वजनिक किया था। इस योजना के अनुसार ग़ाज़ा में तुरंत युद्धविराम होगा और एक अंतरिम प्रशासनिक बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता स्वयं ट्रंप करेंगे। इस बोर्ड में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर जैसे वैश्विक नेता भी शामिल होंगे। योजना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ग़ाज़ा के किसी भी नागरिक को जबरदस्ती बाहर नहीं निकाला जाएगा और सभी पक्षों को शांति के लिए तैयार रहना होगा।


बंधकों की रिहाई का अंतिम मौका


ट्रंप ने हमास को यह भी बताया कि यह उनका अंतिम मौका है कि वे बंधकों को रिहा करें, संघर्षविराम को मानें और लड़ाई समाप्त करें। उन्होंने स्पष्ट कहा, "There will be peace one way or the other," यानी शांति किसी भी हाल में लाई जाएगी। उनका यह बयान संकेत करता है कि अगर हमास ने समझौते से इनकार किया, तो अमेरिकी समर्थन से इज़राइल की ओर से बड़ा सैन्य हमला हो सकता है।


अमेरिका और इज़राइल की स्पष्ट मंशा


इस बीच, व्हाइट हाउस ने इस शांति योजना को ग़ाज़ा की 'postwar governance roadmap' बताया है, जिसमें युद्ध के बाद ग़ाज़ा की प्रशासनिक स्थिति और पुनर्निर्माण के लिए दिशा-निर्देश शामिल हैं। प्रधानमंत्री नेतन्याहू पहले ही इस योजना को स्वीकार कर चुके हैं, जिससे अमेरिका और इज़राइल की मंशा स्पष्ट होती है कि वे अब किसी भी हाल में इस लंबे युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं।


इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि ग़ाज़ा संकट अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। यदि हमास ट्रंप की शांति योजना को नहीं मानता, तो भविष्य में बड़े सैन्य अभियान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।