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क्रिकेट में साहस का प्रतीक: चोट के बावजूद मैदान में उतरे जांबाज खिलाड़ी

इस लेख में हम उन जांबाज क्रिकेटरों के बारे में चर्चा करेंगे जिन्होंने चोट के बावजूद मैदान पर उतरकर अद्वितीय साहस का परिचय दिया। ऋषभ पंत के हालिया प्रदर्शन से लेकर अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह और रोहित शर्मा की प्रेरणादायक कहानियों तक, यह लेख आपको क्रिकेट की दुनिया में साहस और जज्बे की मिसालें पेश करेगा। जानें कैसे ये खिलाड़ी अपने दर्द को मात देकर खेल के प्रति अपने प्रेम को साबित करते हैं।
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क्रिकेट में साहस का प्रतीक: चोट के बावजूद मैदान में उतरे जांबाज खिलाड़ी

ऋषभ पंत का अद्वितीय साहस

ऋषभ पंत भारत बनाम इंग्लैंड: मैनचेस्टर टेस्ट के दूसरे दिन, जब सभी को लगा कि ऋषभ पंत चोट के कारण खेल नहीं पाएंगे, उन्होंने सभी को चौंका दिया। पंत ने मैदान पर उतरकर एक साहसिक पारी खेली, जिसने सभी का दिल जीत लिया।


अनिल कुंबले की मिसाल

अनिल कुंबले

2002 में एंटीगुआ टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ अनिल कुंबले ने सिर पर पट्टी बांधकर गेंदबाजी की, जो आज भी एक प्रेरणा है। उन्होंने ब्रायन लारा को एलबीडब्ल्यू आउट कर मैच को ड्रॉ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


सचिन तेंदुलकर का जज्बा

सचिन तेंदुलकर

सचिन ने कई बार चोटों के बावजूद खेला और अपनी टीम को जीत दिलाई। पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले मैच में वकार यूनुस की गेंद से उनकी नाक पर चोट लगी, लेकिन उन्होंने कहा, 'मैं खेलूँगा!' और अगले 24 साल तक खेलते रहे।


युवराज सिंह की प्रेरणादायक कहानी

युवराज सिंह

युवराज ने कैंसर से जूझने के बाद 2011 विश्व कप में वापसी की और टीम को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।


रोहित शर्मा का साहस

रोहित शर्मा

रोहित ने कई बार चोट के बावजूद खेला है। 2022 की वनडे सीरीज़ में बांग्लादेश के खिलाफ हार के बावजूद, उन्होंने अंगूठे में फ्रैक्चर के साथ बल्लेबाजी की, जिससे उन्होंने सभी का दिल जीत लिया।


ऋषभ पंत का अद्वितीय साहस

ऋषभ पंत

मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन क्रिस वोक्स की गेंद से पंत के दाहिने पैर के अंगूठे में चोट लगी। डॉक्टरों ने उन्हें छह हफ्ते तक खेलने से मना किया, लेकिन पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ बल्लेबाजी की। इससे पहले, उन्होंने लॉर्ड्स टेस्ट में भी चोट के बावजूद 74 रन बनाए।