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क्रेमलिन ने ट्रंप के बयानों पर ध्यान केंद्रित किया

क्रेमलिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर बारीकी से ध्यान देने की बात कही है। ट्रंप ने हाल ही में पुतिन के साथ बातचीत में निराशा व्यक्त की, जबकि उन्होंने पहले कहा था कि पुतिन युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार हैं। इस बीच, क्रेमलिन ने ट्रंप की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी है और शांति वार्ता की संभावनाओं पर भी चर्चा की है। क्या यह बातचीत युद्ध के अंत की ओर ले जाएगी? जानें पूरी कहानी में।
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क्रेमलिन ने ट्रंप के बयानों पर ध्यान केंद्रित किया

क्रेमलिन की प्रतिक्रिया

क्रेमलिन ने शुक्रवार (4 जुलाई) को जानकारी दी कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सभी बयानों पर बारीकी से ध्यान दे रहा है। यह बयान तब आया जब ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी हालिया बातचीत पर निराशा व्यक्त की। ट्रंप ने कहा कि वह यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में पुतिन के साथ बातचीत में कोई प्रगति नहीं कर सके।


ट्रंप की बदलती राय

ट्रम्प की बदलती टिप्पणी

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पिछले सप्ताह ट्रंप ने कहा था कि पुतिन यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए 'समझौता करने को तैयार' हैं। लेकिन गुरुवार को हुई फोन कॉल के बाद उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि रूसी नेता इसे रोकना चाहता है।' यह बयान उनकी पहले की आशावादी टिप्पणियों के विपरीत था। ट्रंप, जो जनवरी में व्हाइट हाउस में वापसी के बाद यूक्रेन में 'रक्तपात' को जल्द खत्म करने का वादा कर चुके हैं, ने स्वीकार किया कि पुतिन के साथ उनकी बातचीत बेनतीजा रही।


क्रेमलिन का बयान

क्रेमलिन का जवाब

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने ट्रंप की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'बेशक, हम राष्ट्रपति ट्रंप के सभी बयानों पर बहुत करीब से नजर रख रहे हैं।' उन्होंने ट्रंप की आलोचना पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की। पेस्कोव ने बताया कि पुतिन ने ट्रंप से कहा कि रूस यूक्रेन में अपने लक्ष्यों को राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से हासिल करना पसंद करेगा। हालांकि, तब तक रूस अपनी 'विशेष सैन्य कार्रवाई' को जारी रखेगा।


शांति वार्ता की संभावनाएं

शांति वार्ता की उम्मीद

पेस्कोव ने यह भी बताया कि पुतिन ने ट्रंप को सूचित किया कि रूस यूक्रेन के साथ तीसरे दौर की शांति वार्ता के लिए तारीख तय करने की उम्मीद रखता है। इससे पहले मई और जून में दो दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं। यह कदम रूस के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में प्रयासों को दर्शाता है, हालांकि युद्ध अभी भी जारी है।