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खरगोन पुलिस की अनोखी रणनीति: रिक्शा चालकों और गन्ने के रस विक्रेताओं ने पकड़े तस्कर

खरगोन पुलिस ने एक अनोखी रणनीति अपनाते हुए दो फरार हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया। इस ऑपरेशन में पुलिसकर्मियों ने रिक्शा चालक और गन्ने के रस विक्रेता का भेष धारण किया। जानें कैसे पुलिस ने चतुराई से तस्करों को पकड़ने में सफलता पाई। यह कहानी न केवल पुलिस की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अपराधी कानून के हाथों से बच नहीं सकते।
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खरगोन पुलिस की अनोखी रणनीति: रिक्शा चालकों और गन्ने के रस विक्रेताओं ने पकड़े तस्कर

खरगोन पुलिस की अनोखी कार्रवाई

क्राइम न्यूज़: खरगोन पुलिस की अनोखी रणनीति: रिक्शा चालकों और गन्ने के रस विक्रेताओं ने तस्करों को पकड़ा: मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में पुलिस ने हथियार तस्करों को पकड़ने के लिए एक अनोखी योजना बनाई, जो चर्चा का विषय बन गई है। जैतापुर थाने की पुलिस ने अपनी चतुराई से दो फरार हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया।


इस ऑपरेशन में थाना प्रभारी ने खुद को रिक्शा चालक के रूप में प्रस्तुत किया, जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी गन्ने का रस बेचता हुआ नजर आया। यह घटना किसी फिल्म के दृश्य से कम नहीं है, लेकिन इसने यह साबित कर दिया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस कितनी मेहनत और चतुराई से काम करती है। आइए, जानते हैं इस रोमांचक ऑपरेशन की पूरी कहानी।क्राइम न्यूज़


कहानी की शुरुआत 30 मई से होती है, जब खरगोन पुलिस ने दो हथियार तस्करों, वीरपाल सिंह और जगविंदर सिंह को अवैध देसी पिस्टल और जिंदा कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया था।


हालांकि, उसी रात, दोनों आरोपी जैतापुर थाने से फरार हो गए। इस घटना ने पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक (SP) ने तुरंत एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया और दोनों आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के आदेश दिए। पुलिस को सूचना मिली कि दोनों तस्कर आगरा-मुंबई हाईवे के रास्ते एक ट्रक में सवार होकर पंजाब की ओर भाग गए हैं।


इसके बाद खरगोन पुलिस की एक टीम ने पंजाब के जालंधर में डेरा डाला। यहां की स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एक टीम ने खुलेआम तलाश शुरू की, जबकि दूसरी टीम ने गुप्त तरीके से आरोपियों की रेकी शुरू की।


इस दौरान थाना प्रभारी ने रिक्शा चालक का भेष बनाकर जालंधर की गलियों में निगरानी की। वहीं, एक अन्य पुलिसकर्मी ने गन्ने का रस बेचने का ढोंग रचकर तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखी। यह अनोखी रणनीति इतनी सटीक थी कि स्थानीय लोग भी पुलिस की असली पहचान नहीं भांप पाए।


पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग तब मिला, जब पता चला कि आरोपी जगविंदर सिंह की पत्नी गर्भवती है और उसे अस्पताल ले जाया गया है। इस जानकारी ने ऑपरेशन को नया मोड़ दिया।


पुलिस ने तुरंत अस्पताल और आसपास के रास्तों पर अपनी निगरानी बढ़ा दी। जैसे ही जगविंदर अपनी पत्नी के साथ स्टेशन रोड से गुजरा, पुलिस ने चतुराई से घेराबंदी की और उसे दबोच लिया। पूछताछ में जगविंदर ने अपने साथी वीरपाल सिंह का ठिकाना बताया, जिसके बाद पुलिस ने वीरपाल को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों को जालंधर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर मध्यप्रदेश लाया गया।


यह ऑपरेशन न केवल पुलिस की मेहनत और बुद्धिमानी का सबूत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस किसी भी हद तक जा सकती है। खरगोन पुलिस की इस अनोखी रणनीति की हर तरफ तारीफ हो रही है। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के लंबे हाथों से बच नहीं सकता।