Newzfatafatlogo

खैबर पख्तूनख्वा में सैन्य ऑपरेशन: 19 आतंकवादी ढेर, 11 सैनिक शहीद

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक खुफिया आधारित सैन्य ऑपरेशन के दौरान 19 आतंकवादी मारे गए और 11 सैनिक शहीद हुए। यह ऑपरेशन ओरेकजाई जिले में हुआ, जहां सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। TTP के बढ़ते खतरे के बीच, इस क्षेत्र में हिंसक घटनाओं की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। जानें इस ऑपरेशन के पीछे की कहानी और पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
 | 
खैबर पख्तूनख्वा में सैन्य ऑपरेशन: 19 आतंकवादी ढेर, 11 सैनिक शहीद

खुफिया आधारित सैन्य कार्रवाई

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में एक खुफिया जानकारी पर आधारित सैन्य ऑपरेशन के दौरान 19 प्रतिबंधित तेहरिक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकवादी मारे गए, जबकि इस कार्रवाई में 11 सैनिक भी शहीद हुए। यह जानकारी सैन्य सूत्रों ने दी है। यह ऑपरेशन ओरेकजाई जिले में किया गया, जो अफ़ग़ानिस्तान की सीमा के निकट स्थित है।


सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़

7-8 अक्टूबर की रात को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में 19 आतंकवादी ढेर हो गए। इस दौरान सेना के 11 जवान, जिनमें एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर शामिल हैं, भी शहीद हुए। सेना ने बताया कि क्षेत्र में बचे हुए आतंकवादियों को समाप्त करने के लिए सैनिटाइजेशन ऑपरेशन जारी है।


TTP का बढ़ता खतरा

सैन्य सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन की शुरुआत उन खतरनाक आतंकवादियों की सूचना मिलने के बाद की गई थी, जिन्हें 'फितना अल-खावरिज़' के नाम से जाना जाता है। यह नाम प्रतिबंधित TTP संगठन के लिए प्रयोग किया जाता है।


पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी जा रही है, विशेषकर खैबर पख्तूनख्वा और बलोचिस्तान में, क्योंकि TTP ने नवंबर 2022 में सरकार के साथ अपनी युद्धविराम नीति को समाप्त करने की घोषणा की थी। समूह ने सुरक्षा बलों, पुलिस और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को लक्षित करने की धमकी दी थी।


हिंसक घटनाओं के आंकड़े

सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा तीसरी तिमाही 2025 में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा। इस क्षेत्र में हिंसा से संबंधित कुल मौतों का लगभग 71 प्रतिशत (638) और हिंसक घटनाओं का 67 प्रतिशत (221) हिस्सा दर्ज किया गया। खैबर पख्तूनख्वा और बलोचिस्तान, जो अफ़ग़ानिस्तान के साथ सटे हुए हैं, ने मिलकर देश में कुल हिंसा का 96 प्रतिशत भार उठाया।


सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में लगातार बढ़ते आतंकवादी हमले और TTP की गतिविधियों ने पाकिस्तान की सुरक्षा चुनौती को और गंभीर बना दिया है।