Newzfatafatlogo

गणपति विसर्जन में आई बाधाएं: गिरगांव चौपाटी पर हाई टाइड का असर

मुंबई के गणपति लालबागचा राजा का विसर्जन गिरगांव चौपाटी पर हाई टाइड के कारण कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच, मूर्ति का विसर्जन तीन प्रयासों के बावजूद सफल नहीं हो सका। बीएमसी ने इस वर्ष 1,97,114 मूर्तियों का विसर्जन किया, जिसमें घरगुती और सार्वजनिक मूर्तियां शामिल हैं। जानें विसर्जन की प्रक्रिया और बीएमसी की तैयारियों के बारे में।
 | 
गणपति विसर्जन में आई बाधाएं: गिरगांव चौपाटी पर हाई टाइड का असर

मुंबई में गणपति विसर्जन की चुनौतियाँ

मुंबई के प्रसिद्ध गणपति लालबागचा राजा का विसर्जन इस बार भी कठिनाइयों से भरा रहा। गिरगांव चौपाटी पर पहुंचने के बाद, समुद्र में आई उच्च ज्वार के कारण मूर्ति का विसर्जन तीन प्रयासों के बावजूद सफल नहीं हो सका। जैसे ही मूर्ति को समुद्र में ले जाया गया, पानी का स्तर तेजी से बढ़ने लगा और लहरें भी अधिक विकराल हो गईं, जिसके चलते विसर्जन को रोकना पड़ा।


ऑटोमेटिक फ्लोट का असफल प्रयास

ऑटोमेटिक फ्लोट भी नहीं आया काम

लालबाग के राजा के विसर्जन के लिए इस बार एक ऑटोमेटिक फ्लोट सिस्टम तैयार किया गया था, जिससे मूर्ति को सुरक्षित तरीके से समुद्र में विसर्जित किया जा सके। लेकिन, तेज लहरों के कारण फ्लोट का उपयोग करना जोखिम भरा हो गया। मूर्ति को समुद्र में थोड़ी दूर तक ले जाया गया, जहां वह आधी पानी में डूबी हुई दिखाई दी, लेकिन फिर भी विसर्जन नहीं किया गया।


श्रद्धालुओं की भीड़

भीड़ में डटे भक्त

गिरगांव चौपाटी पर हजारों भक्त सुबह से ही लालबागचा राजा के अंतिम दर्शन के लिए मौजूद हैं। मंडल ने बताया कि जब तक समुद्र शांत नहीं होता और ज्वार का स्तर कम नहीं होता, तब तक विसर्जन नहीं किया जाएगा। इस बीच, अन्य मंडलों की गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन लगातार जारी है।


लंबा सफर

8 किलोमीटर का सफर

लालबाग का राजा हर साल गिरगांव चौपाटी तक का 8 किलोमीटर का सफर 20 घंटे से अधिक में तय करता है। इसकी वजह मूर्ति की भव्यता और पुराने रीति-रिवाज हैं। इस बार यह समयसीमा भी पार हो चुकी है, जिससे भक्तों की उत्सुकता और श्रद्धा और बढ़ गई है।


बीएमसी की तैयारियां

बीएमसी की तैयारियां

बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) के आयुक्त भूषण गगराणी ने बताया कि इस साल कुल 1,97,114 मूर्तियों का विसर्जन किया गया। इनमें से:

  • 1,81,375 घरगुती मूर्तियां
  • 10,148 सार्वजनिक मूर्तियां
  • 5,591 गौरी-हरतालिका मूर्तियां शामिल थीं।

बीएमसी के अनुसार, पर्यावरण-संवेदनशील विसर्जन को इस वर्ष अधिक प्रोत्साहन मिला। मुंबई में बनाए गए 290 कृत्रिम तालाबों में बड़ी संख्या में मूर्तियों का विसर्जन हुआ।


विसर्जन के लिए तगड़ी व्यवस्थाएं

विसर्जन के लिए तगड़ी व्यवस्थाएं

बीएमसी ने विसर्जन प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए लगभग 10,000 कर्मचारियों की तैनाती की। इसके अलावा उपलब्ध कराए गए:

  • 70 प्राकृतिक विसर्जन स्थल
  • 66 जर्मन राफ्ट
  • 1200 स्टील प्लेट
  • 2178 लाइफगार्ड
  • 56 मोटरबोट
  • 594 निर्माल्य कलश
  • 245 नियंत्रण कक्ष
  • 236 प्राथमिक उपचार केंद्र
  • 115 एंबुलेंस


ग्यारहवें दिन का आंकड़ा

ग्यारहवें दिन का आंकड़ा

7 सितंबर की शाम 6 बजे तक केवल ग्यारहवें दिन ही 36,746 मूर्तियों का विसर्जन हो चुका था, जिनमें:

  • 5,937 सार्वजनिक मूर्तियां
  • 30,490 घरगुती मूर्तियां शामिल थीं।

बीएमसी ने बताया कि इस गणेशोत्सव के दौरान 508 मीट्रिक टन निर्माल्य एकत्र किया गया है, जिसे वैज्ञानिक विधि से प्रोसेस किया जाएगा।