गणेश चतुर्थी 2025: विशेष संयोग और शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी 2025 का महत्व
गणेश चतुर्थी 2025: इस वर्ष गणेशोत्सव विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहने वाला है। ज्योतिषियों के अनुसार, 500 वर्षों के बाद गणेश चतुर्थी पर पांच दुर्लभ संयोग एक साथ बन रहे हैं। 27 अगस्त को चतुर्थी के दिन श्रवण नक्षत्र, बुधवार और सूर्य का सिंह राशि में होना एक अद्वितीय मेल है, जो विशेष फलदायी साबित होगा। इस अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, प्रीति योग, इंद्र योग और ब्रह्म योग भी बनेंगे, जिन्हें धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।
राशियों के लिए लाभ
इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर विशेष रूप से मेष, वृष, मिथुन, तुला और कुंभ राशि के लोगों को लाभ होगा। पंडितों का मानना है कि इस दुर्लभ संयोग से नौकरी, व्यापार और आर्थिक उन्नति के अवसर मजबूत होंगे। भक्त पूरे देश में गणेशजी की स्थापना कर श्रद्धा और उत्साह के साथ 10 दिवसीय गणेशोत्सव मनाएंगे।
विशेष ग्रहयोग और शुभ मुहूर्त
विशेष ग्रहयोग और शुभ मुहूर्त
नगर व्यास पंडित राजेंद्रकुमार के अनुसार, चतुर्थी तिथि 26 अगस्त को दोपहर 1:54 बजे से शुरू होकर 27 अगस्त को दोपहर 3:44 बजे तक रहेगी। गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:11 से 9:22 बजे तक है। इसके बाद 11:00 से 12:30 बजे तक भी आप गणेश जी की स्थापना कर सकते हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म दोपहर में हुआ था, इसलिए यह समय मूर्ति स्थापना के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस बार सूर्य और केतु की युति तुला और कुंभ राशि वालों के लिए लाभकारी होगी, जबकि चंद्रमा और मंगल की युति से लक्ष्मी योग बनेगा, जिससे व्यापार और धन से जुड़े मामलों में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं.
गणेशोत्सव का उल्लास
श्रद्धा और उल्लास से मनाया जाएगा गणेशोत्सव
गांधीनगर स्थित गणेश मंदिर सहित विभिन्न जिलों की समितियां गणेश प्रतिमाओं का वितरण कर रही हैं। भक्त पहले दिन ही अपने घरों और बाजारों में बप्पा की स्थापना करेंगे और 21 दुर्वा व मोदक अर्पित करेंगे। ज्योतिषियों का कहना है कि यह विशेष संयोग जीवन में सफलता, समृद्धि और पारिवारिक सुख लाने वाला साबित होगा.
10 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व का समापन 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन के साथ होगा। इस दौरान पूरे देश में गणेश भक्ति का उल्लास देखने को मिलेगा.