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गणेश चतुर्थी पर ठाकरे भाइयों की मुलाकात से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल

गणेश चतुर्थी के अवसर पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इस मुलाकात को निकाय चुनावों से पहले दोनों नेताओं के बीच सुलह का संकेत माना जा रहा है। ठाकरे भाइयों की यह तीसरी सार्वजनिक मुलाकात है, जो राजनीतिक चर्चाओं को और बढ़ा रही है। जानें इस मुलाकात के पीछे की कहानी और इसके संभावित राजनीतिक प्रभाव।
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गणेश चतुर्थी पर ठाकरे भाइयों की मुलाकात से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल

महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल


महाराष्ट्र की राजनीति: ठाकरे भाइयों के बीच हालिया मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में हलचल पैदा कर दी है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे के निवास 'शिवतीर्थ' पर जाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं। इस मुलाकात के बाद से राजनीतिक चर्चाएं और तेज हो गई हैं। राज ठाकरे हर साल दादर में अपने घर पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस अवसर पर उद्धव के साथ उनके बेटे आदित्य ठाकरे और पत्नी रश्मि भी मौजूद थीं।


उद्धव और राज ठाकरे का एक साथ आना महाराष्ट्र की राजनीति में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह मुलाकात निकाय चुनावों से पहले दोनों नेताओं के बीच सुलह का संकेत देती है। ये दोनों चचेरे भाई पहले भी सार्वजनिक रूप से मिल चुके हैं, और यह उनकी तीसरी ऐसी मुलाकात है।


गौरतलब है कि, महाराष्ट्र सरकार ने कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए त्रि-भाषा फॉर्मूले और राज्य में हिंदी थोपने संबंधी विवादास्पद आदेशों को वापस लेने के बाद, दोनों नेताओं ने 5 जुलाई को एक मंच साझा किया था। राज ठाकरे ने पिछले महीने उद्धव को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिए बांद्रा स्थित 'मातोश्री' का दौरा किया था। अब यह चर्चा है कि दोनों नेता निकाय चुनावों में एक साथ उतरेंगे।