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गणेशोत्सव के लिए खाद्य सामग्री किट का वितरण नहीं होगा: लाडकी बहिन योजना का असर

राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने बताया कि लाडकी बहिन योजना के कारण गणेशोत्सव के लिए 'आनंदचा शिधा' खाद्य सामग्री किट का वितरण नहीं किया जाएगा। पिछले दो वर्षों से यह योजना पात्र राशन कार्ड धारकों को त्योहारों के लिए किट उपलब्ध कराती रही है। मंत्री ने कहा कि वित्तीय दबाव के चलते इस बार किट नहीं मिल पाएगी। जानें इस योजना का वार्षिक खर्च और इसके प्रभाव के बारे में।
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गणेशोत्सव के लिए खाद्य सामग्री किट का वितरण नहीं होगा: लाडकी बहिन योजना का असर

मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना का वित्तीय दबाव

Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार अपनी प्रमुख योजना 'लाडकी बहिन योजना' के कारण उत्पन्न वित्तीय दबाव के चलते गणेशोत्सव के लिए 'आनंदचा शिधा' या सब्सिडी वाली खाद्य सामग्री किट उपलब्ध नहीं कर पाएगी। पिछले दो वर्षों से इस योजना के तहत पात्र राशन कार्ड धारकों को प्रमुख त्योहारों के लिए किट प्रदान की जाती रही हैं।


मंत्री छगन भुजबल का बयान

मंत्री छगन भुजबल ने क्या कहा?

इस विषय पर छगन भुजबल ने कहा कि गणेशोत्सव के लिए 'आनंदचा शिधा' का वितरण नहीं किया जाएगा। यदि ऐसा करना होता, तो त्योहार से तीन महीने पहले निविदाएँ आमंत्रित की जातीं। अब गणेशोत्सव में केवल एक महीना बचा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' के कारण सरकार पर पड़े वित्तीय दबाव का परिणाम है।


आनंदचा सिद्धा योजना का वार्षिक खर्च

‘आनंदचा सिद्धा’ योजना पर 350-400 करोड़ रुपये का सालाना खर्च

भुजबल ने लाडकी बहिन योजना के वार्षिक खर्च का उल्लेख करते हुए कहा, “जब एक योजना की लागत 45,000 करोड़ रुपये सालाना होती है और वह राशि राजकोष से काट ली जाती है, तो इसका असर अन्य योजनाओं पर पड़ना स्वाभाविक है।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य अपना राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और धीरे-धीरे यह अपनी पुरानी स्थिति में लौट आएगा। किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।

‘आनंदचा सिद्धा’ योजना पर राज्य को सालाना लगभग 350-400 करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसके तहत चीनी, खाद्य तेल, रवा, चना दाल और पोहा जैसी आवश्यक खाद्य सामग्री रियायती मूल्य पर, आमतौर पर 100 रुपये प्रति किट, उपलब्ध कराई जाती है।