ग़ाज़ा में यासिर अबू शबाब: एक गद्दार का उदय और इज़राइल की साज़िशें

ग़ाज़ा में बढ़ती साज़िशें
इंटरनेशनल न्यूज. ग़ाज़ा की ज़मीन अब केवल बाहरी मिसाइलों से नहीं, बल्कि अंदर से उभरती साज़िशों से भी हिल रही है। यासिर अबू शबाब का नाम, जो पहले जेल में था, अब ग़ाज़ा के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक माना जा रहा है। हमास का दावा है कि उसने यासिर गैंग के 50 से अधिक सदस्यों को मार गिराया है, जो इज़राइल से फंडिंग लेकर 'गद्दारी का नेटवर्क' चला रहे थे। अब ग़ाज़ा की गलियों में यासिर को 'यहूदी दलाल', 'नेतन्याहू का आदमी' और 'इस्लाम का गद्दार' कहा जा रहा है। यह छवि किसी अफवाह का परिणाम नहीं, बल्कि वास्तविक खून-खराबे से बनी है।
कैदी से कटपुतली सरगना तक का सफर
यासिर को ड्रग्स की तस्करी के आरोप में जेल में रखा गया था। 7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने इज़राइल पर हमला किया, तब वह सलाखों के पीछे था। लेकिन जैसे ही युद्ध शुरू हुआ, वह रहस्यमय तरीके से जेल से बाहर आया और 'एंटी टेरर सर्विस' नामक अपनी निजी सेना बना ली। हमास का आरोप है कि यह सेना सीधे इज़राइल से पैसे और हथियार प्राप्त करती है। यासिर की यूनिट ने खुद को राहत ट्रकों की सुरक्षा में लगाया बताया, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल एक ढोंग था—वास्तविक उद्देश्य था हमास की निगरानी और उसके लड़ाकों को खत्म करना।
रफ़ाह में संघर्ष: इज़राइली ड्रोन की मदद
मंगलवार को रफ़ाह में यासिर गैंग और हमास के बीच भयंकर संघर्ष हुआ। हमास की ऐरो यूनिट ने हमला किया, लेकिन इज़राइली ड्रोन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमास के चार लड़ाकों को मार गिराया—सिर्फ इसलिए कि यासिर को बचाया जा सके। i24 चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल की सेना ने स्पष्ट रूप से यासिर को हमास के चंगुल से निकालने का प्रयास किया। अब ग़ाज़ा की लड़ाई एक सीधी नागरिक बनाम गद्दार की जंग बन चुकी है।
यासिर गैंग की नाकाम सफाई
यासिर की यूनिट ने दावा किया कि वे केवल राहत कार्यों में लगे थे और विस्फोटक हटाने का काम कर रहे थे। लेकिन ग़ाज़ा की जनता अब इन दावों को खारिज कर चुकी है। सोशल मीडिया पर यासिर के पोस्टर वायरल हो रहे हैं, जिन पर 'ग़ाज़ा का गद्दार', 'इस्राइली एजेंट', और 'इस्लाम का दुश्मन' जैसे टैग हैं। अब यासिर का नाम गद्दारी की पहचान के रूप में रह गया है—एक ऐसा चेहरा जिसे इज़राइल ने ग़ाज़ा के दिल में स्थापित किया है।
इज़राइल की चाल: गृहयुद्ध की ओर धकेलने की साज़िश
विश्लेषकों का मानना है कि इज़राइल अब केवल हमास से लड़ाई नहीं कर रहा, बल्कि ग़ाज़ा को अंदर से तोड़ने की योजना बना रहा है। यासिर जैसे किरदार इसी रणनीति का हिस्सा हैं। इज़राइली फंडिंग से चलने वाले ये गुट अब ग़ाज़ा को एक नए खतरे की ओर ले जा रहे हैं—गृहयुद्ध की ओर। यदि हालात नहीं संभले, तो ग़ाज़ा की लड़ाई अब इज़राइल बनाम हमास नहीं, बल्कि ग़ाज़ा बनाम ग़ाज़ा बन जाएगी।