गाजा पट्टी में इजरायली हमले: बच्चों पर गिरा कहर, 58,000 से अधिक जानें गईं

गाजा में इजरायली हमलों की बढ़ती भयावहता
गाजा पट्टी में इजरायली हमले लगातार गंभीर होते जा रहे हैं, जिसमें अब तक 58,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। हाल ही में रविवार को हुई बमबारी ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया, जब शरणार्थी शिविर में पानी भरते बच्चों पर मिसाइल गिरा दी गई। यह हमला उस समय हुआ जब लोग सार्वजनिक जल वितरण केंद्र पर पानी भरने के लिए इकट्ठा हुए थे.
बच्चों पर हमले की भयावहता
गाजा के नुसेरत शरणार्थी शिविर में रविवार को एक जल वितरण केंद्र पर इजरायली मिसाइल गिरने से अफरा-तफरी मच गई। यह स्थान स्थानीय नागरिकों के लिए जीवनदायिनी है, जहां लोग पानी भरने आते हैं। अल-अवदा अस्पताल के इमरजेंसी डॉक्टर डॉ. अहमद अबू सैफान ने बताया कि इस हमले में 6 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 17 अन्य घायल हुए हैं। गंभीर रूप से घायल बच्चों को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार कई की हालत नाजुक बनी हुई है.
इजरायली सेना का स्पष्टीकरण
इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने इस हमले को एक दुर्भाग्यपूर्ण मानवीय त्रासदी बताते हुए कहा कि यह हमला जानबूझकर नहीं किया गया था, बल्कि तकनीकी खराबी के कारण मिसाइल गलत जगह गिरी। उन्होंने घटना की जांच का आश्वासन दिया है। हालांकि, जान गंवाने वालों के परिजन और स्थानीय अधिकारी इस स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हैं और इसे इजरायली सेना की क्रूर रणनीति का हिस्सा मानते हैं.
गाजा में जल संकट और मौतों का सिलसिला
गाजा में पिछले कुछ हफ्तों से पानी की भारी कमी हो रही है। ईंधन की आपूर्ति ठप होने से सीवेज सिस्टम और जल आपूर्ति प्रभावित हुई है। नागरिक केवल सार्वजनिक जल वितरण केंद्रों पर निर्भर हैं, जहां इस तरह की घटनाएं मासूमों की जान ले रही हैं। इसी दिन गाजा सिटी के एक व्यस्त बाजार में भीषण बमबारी हुई, जिसमें एक वरिष्ठ डॉक्टर समेत कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला सुबह के व्यस्त समय में किया गया था, जब बाजार में काफी भीड़ थी.
58,000 से अधिक मौतें, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी
गाजा में जारी इजरायली कार्रवाई ने अब तक 58,000 से अधिक जानें ले ली हैं, जिनमें आधी से अधिक महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। हर दिन हो रहे हमलों में दर्जनों मौतें हो रही हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से अभी तक इजरायल पर कोई ठोस दबाव नहीं डाला गया है.