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गाजा में इजरायली गोलीबारी से पांच फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत

गाजा पट्टी में इजरायली सेना की गोलीबारी में कम से कम पांच फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई है। यह घटना एक सहायता वितरण केंद्र के पास हुई, जहां कई लोग भोजन की तलाश में पहुंचे थे। इजरायली सेना ने अपनी कार्रवाई को चेतावनी के तौर पर बताया है, जबकि स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने हताहतों की संख्या की पुष्टि की है। जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और गाजा में बढ़ती हिंसा के बारे में।
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गाजा में इजरायली गोलीबारी से पांच फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत

गाजा पट्टी में इजरायली सेना की कार्रवाई

गाजा में हिंसा: गाजा पट्टी में इजरायली सेना की गोलीबारी में कम से कम पांच फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। यह जानकारी फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी है। इजरायली सेना का कहना है कि उसने अपनी सेना के पास आने वाले 'संदिग्ध' व्यक्तियों पर चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं।


दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में नासिर अस्पताल में चार शव लाए गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि इजरायली सेना ने राफा शहर के निकट गाजा मानवतावादी फाउंडेशन (जीएचएफ) द्वारा संचालित एक सहायता केंद्र से लगभग एक किलोमीटर दूर गोलीबारी की। इजरायली सेना ने बताया कि यह कार्रवाई रात के समय सक्रिय युद्ध क्षेत्र में की गई, जहां उसने चेतावनी को नजरअंदाज करने वालों पर निशाना साधा।



मध्य गाजा में एक और घटना


मध्य गाजा के अल-अवदा अस्पताल ने बताया कि जीएचएफ के एक अन्य सहायता केंद्र के पास गोलीबारी में एक 42 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई और 29 लोग घायल हुए। सेना का दावा है कि उसने सुबह 6:40 बजे चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाईं, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, जीएचएफ के प्रवक्ता ने कहा कि उनके केंद्रों पर या आसपास कोई हिंसा नहीं हुई। प्रवक्ता ने बताया, "हमने इजरायली सेना के साथ सुरक्षा उपायों पर चर्चा की थी और लोगों को निर्दिष्ट मार्गों पर रहने की चेतावनी दी थी।"


लोगों का दर्द और आक्रोश


30 वर्षीय अधम दहमान, जो नासिर अस्पताल में घायल हैं, ने कहा, "हमें नहीं पता था कि कैसे बचना है। यह हमारे लिए जाल है, सहायता नहीं।" एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ज़ाहेद बेन हसन ने कहा, "उन्होंने कहा कि सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक यह सुरक्षित क्षेत्र है... तो फिर उन्होंने हम पर गोली क्यों चलाई? बाहर रोशनी थी, और उनके पास कैमरे थे, वे हमें साफ-साफ देख सकते थे।"


सहायता केंद्रों के पास बढ़ती हिंसा


पिछले दो हफ्तों में नए सहायता केंद्रों के पास गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं, जहां हजारों फिलिस्तीनी भोजन की तलाश में पहुंच रहे हैं। गाजा के अस्पतालों के अनुसार, इजरायली सैनिकों की गोलीबारी में 80 से अधिक लोग मारे गए हैं। सेना का कहना है कि उसने चेतावनी के तौर पर या सैनिकों के पास आने वालों पर गोलियां चलाईं।


अकाल का गहराता संकट


सहायता केंद्र इजरायली सैन्य क्षेत्रों में स्थापित हैं, जहां स्वतंत्र मीडिया की पहुंच नहीं है। इन्हें मुख्य रूप से अमेरिकी ठेकेदारों के समूह जीएचएफ द्वारा संचालित किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यह नई व्यवस्था बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है और इजरायल को सहायता को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देती है।