गाजा में पार्ले-जी बिस्किट की कीमतें आसमान छू रही हैं: युद्ध और खाद्य संकट का असर

गाजा में जीवन की कठिनाइयाँ
गाजा में चल रहे युद्ध और खाद्य संकट ने लोगों के जीवन को बेहद कठिन बना दिया है। भारतीय बिस्किट ब्रांड पार्ले-जी की कीमतें वहां आसमान छू रही हैं। जो बिस्किट भारत में सामान्यतः ₹5 में मिलती है, वह गाजा में लगभग ₹2,300 (24 यूरो) में बिक रही है। यह कीमत सामान्य से 460 गुना अधिक है, जो युद्ध के कारण उत्पन्न गंभीर खाद्य संकट और आपूर्ति श्रृंखला की विफलता को दर्शाती है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
यह चौंकाने वाली जानकारी एक वायरल सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से सामने आई, जिसमें गाजा के निवासी मोहम्मद जवाद ने अपनी बेटी रफीफ को पार्ले-जी का पैकेट देते हुए एक वीडियो साझा किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने यह बिस्किट €24 (लगभग ₹2,342) में खरीदी, जबकि इसकी सामान्य कीमत ₹5 से ₹100 के बीच होती है। जवाद ने कहा कि भले ही कीमत €1.5 से बढ़कर €24 हो गई, लेकिन वह अपनी बेटी को उसकी पसंदीदा चीज़ से वंचित नहीं कर सकते।
After a long wait, I finally got Ravif her favorite biscuits today. Even though the price jumped from €1.5 to over €24, I just couldn’t deny Rafif her favorite treat. pic.twitter.com/O1dbfWHVTF
— Mohammed jawad 🇵🇸 (@Mo7ammed_jawad6) June 1, 2025
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, और भारतीय उपयोगकर्ताओं ने सरकार और पार्ले कंपनी से मदद की अपील की। कुछ उपयोगकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भारत से भेजी गई खाद्य सहायता को हमास द्वारा कब्जा कर लिया जाता है और काले बाजार में बेचा जाता है। जवाद ने इन आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि गाजा के लोगों के लिए आने वाली सहायता उचित रूप से वितरित की जाती है, लेकिन सच यह है कि कब्जे ने कई एजेंटों और चोरों को भर्ती किया है जो इस सहायता को चुराकर बाजार में ऊंचे दामों पर बेचते हैं।
कुपोषण की बढ़ती दर
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजा में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में तीव्र कुपोषण की दर फरवरी से तीन गुना बढ़ गई है। लगभग 50,000 बच्चों की जांच के बाद, 5.8 प्रतिशत को तीव्र कुपोषण का शिकार पाया गया, जो कुछ सप्ताह पहले की तुलना में अधिक है।
Some people think the aid that comes for the people of Gaza is distributed fairly. But the truth is that the occupation has recruited many agents and thieves to steal this aid and sell it on the market at sky-high prices. For example, flour is sold for around $500, and sugar is… https://t.co/LMyNnD8gfp
— Mohammed jawad 🇵🇸 (@Mo7ammed_jawad6) June 6, 2025
खाद्य संकट का मानवीय प्रभाव
गाजा में खाद्य संकट और काले बाजार के कारण, पार्ले-जी जैसे सामान्य उत्पाद भी विलासिता की वस्तु बन गए हैं। यह स्थिति युद्ध के मानवीय प्रभाव और सहायता वितरण की विफलता को उजागर करती है।