गाजा में शांति की नई किरण, लेकिन ताइवान पर चीन की सैन्य गतिविधियां बढ़ीं

गाजा में शांति की संभावनाएं
गाजा में दो वर्षों से चल रहे संघर्ष के बीच अब शांति की एक नई उम्मीद जगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तुत 20 सूत्री शांति योजना के पहले चरण को हमास ने स्वीकार कर लिया है। इससे पहले, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस योजना पर अपनी सहमति दी थी। इस विकास के साथ गाजा पट्टी में संघर्ष कम होने और शांति की स्थापना की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इसके साथ ही, बंधकों की रिहाई की उम्मीद भी जगी है।
चीन की सैन्य गतिविधियां ताइवान के निकट
हालांकि, इसी समय, दुनिया के तीसरे मोर्चे पर एक नई जंग की आहट सुनाई दे रही है। चीन ने ताइवान के साथ बढ़ते तनाव के बीच यांग्त्ज़ी नदी के मुहाने पर बड़ी संख्या में युद्धपोत और पनडुब्बियां तैनात कर दी हैं। हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट हुआ है कि चीन ने इस क्षेत्र में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है।
गाजा में शांति की दिशा
हमास और इजराइल के बीच ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर सहमति ने गाजा में नई उम्मीदें जगा दी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना के पहले चरण को लागू करने से न केवल हमले रुकेंगे, बल्कि बंधकों की सुरक्षित रिहाई का मार्ग भी प्रशस्त होगा। यह कदम मध्य पूर्व में लंबे समय से चल रहे संघर्ष को स्थायित्व प्रदान करने का प्रयास है।
ताइवान और चीन के बीच पुराना विवाद
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और आवश्यकता पड़ने पर बल प्रयोग की धमकी दे चुका है। हाल के दिनों में चीनी सेना ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किए हैं और लगभग हर दिन ताइवान के आसमान में अपनी उड़ानें संचालित की हैं। ताइपे और वाशिंगटन ने इस स्थिति को क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ाने वाला बताया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यांग्त्ज़ी नदी के मुहाने पर यह तैनाती रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और भविष्य में ताइवान जलडमरूमध्य में किसी संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारी का संकेत भी हो सकती है.