गाजा युद्ध की दूसरी वर्षगांठ: शांति की कोशिशें और संघर्ष की यादें

गाजा युद्ध की भयावहता
कहते हैं कि जब युद्ध शुरू होता है, तो तबाही से कोई नहीं बच सकता। यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें विनाश का असली चेहरा सामने आता है। किसने सोचा था कि 2025 में कई देश एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होंगे। गाजा की धरती पिछले दो वर्षों से इसी दर्द को महसूस कर रही है।
हिंसक संघर्ष की दूसरी वर्षगांठ
आज, 7 अक्टूबर 2025 को, गाजा में हुए हिंसक संघर्ष के दो साल पूरे हो गए हैं। यह वही युद्ध था जिसने इजरायल और हमास के बीच व्यापक तबाही मचाई, जिसमें 64,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों ने अपनी जान गंवाई।
शांति की कोशिशें
इस विनाश के बाद, कई देशों ने शांति स्थापित करने की कोशिश की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव पर हमास ने कुछ हद तक सहमति जताई, लेकिन युद्धविराम पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल पाया है।
हमले की शुरुआत
गाजा में इजरायली हमले की शुरुआत 2 अक्टूबर 2023 को हुई थी, जब हमास ने सुकोत त्योहार के दौरान इजरायल पर हमला किया। इस हमले में 1219 लोगों की जान गई और 251 लोग बंधक बन गए। उस समय नोवा म्यूजिक फेस्टिवल पर भी हमला हुआ, जिसमें कम से कम 370 लोग मारे गए।
बंधक स्थिति
अब भी 47 बंधक हमास के कब्जे में हैं। इजरायल में 7 अक्टूबर को मारे गए लोगों की याद में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मृतकों के परिवार और नागरिकों ने नोवा फेस्टिवल स्थल और तेल अवीव के होस्टेज स्क्वायर में रैलियों में भाग लिया।
मिस्र में शांति वार्ता
शांति स्थापित करने के प्रयास के तहत मिस्र के शर्म अल-शेख रिजॉर्ट में वार्ता शुरू हुई है। इजरायली प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रॉन डर्मर कर रहे हैं, जबकि हमास का प्रतिनिधित्व खलील अल-हय्या कर रहे हैं। इस वार्ता में अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रपति ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर की भी भागीदारी की उम्मीद है। वार्ता में निरस्त्रीकरण और गाजा में भविष्य की शासन व्यवस्था जैसे जटिल मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
दो साल की तबाही के सबक
7 अक्टूबर 2023 की हिंसा ने पूरे क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को हिला दिया। हजारों लोग मारे गए, परिवार टूट गए और शांति की कोशिशों को चुनौती मिली। संघर्ष का साया आज भी मौजूद है और शांति स्थापना के प्रयास लगातार जारी हैं। मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता में हो रही यह वार्ता भविष्य में गाजा और इजरायल के बीच स्थायी शांति की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।