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गाजियाबाद फर्जी दूतावास मामले में नया खुलासा: आर्म्स डीलर और तांत्रिक से जुड़े आरोपी

गाजियाबाद में फर्जी दूतावास मामले में एक नया मोड़ आया है, जिसमें आरोपी हर्षवर्धन जैन का संबंध एक अंतरराष्ट्रीय आर्म्स डीलर और तांत्रिक से पाया गया है। आरोपी ने एक आलीशान मकान में फर्जी दूतावास चलाया, जहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और नकद बरामद हुए हैं। जांच एजेंसियाँ अब उसके हवाला रैकेट और अन्य गतिविधियों की जांच कर रही हैं।
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गाजियाबाद फर्जी दूतावास मामले में नया खुलासा: आर्म्स डीलर और तांत्रिक से जुड़े आरोपी

गाजियाबाद फर्जी दूतावास केस में नया मोड़

गाजियाबाद फर्जी दूतावास मामला: गाजियाबाद में चल रहे फर्जी दूतावास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। हर्षवर्धन जैन, जो खुद को West Arctica, Saborga, Poulvia और Lodonia देशों का काउंसलर और एंबेसडर बताता था, का संबंध एक अंतरराष्ट्रीय आर्म्स डीलर और तांत्रिक के साथ भी पाया गया है। आरोपी का फर्जी दूतावास कविनगर के KB35 में चलाया जा रहा था, जहां से कई महत्वपूर्ण चीजें बरामद की गई हैं। इसके निकट ही आरोपी के पिता का घर भी है। इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा की जा रही है।


आर्म्स डीलर और तांत्रिक के साथ संबंध

सूत्रों के अनुसार, हर्षवर्धन जैन का संपर्क अंतरराष्ट्रीय आर्म्स डीलर अदनान खगौशी और तांत्रिक चंद्रास्वामी के साथ था। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वह इन दोनों के साथ वर्तमान में संपर्क में है या नहीं। जिस मकान में आरोपी ने फर्जी दूतावास स्थापित किया था, वह किराए पर लिया गया था। मकान के बाहर विभिन्न देशों के झंडे और नीले रंग की एम्बेसी नंबर प्लेट वाली मर्सिडीज गाड़ियाँ खड़ी थीं, जिससे यह स्थान एक आलीशान दफ्तर या दूतावास जैसा प्रतीत होता था।


18 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट और अन्य सामान

आरोपी ने लोगों को धोखा देने के लिए अपनी मॉर्फ फोटो प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य प्रमुख व्यक्तियों के साथ लगाकर रखी थी। इसके अलावा, वह कंपनियों और व्यक्तियों को विदेश में काम दिलाने के नाम पर प्रभावित करता था। उसके पास से 4 गाड़ियाँ, 12 डिप्लोमेटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय के मोहर लगे दस्तावेज, कई कंपनियों की मोहरें, प्रेस कार्ड और 44,70,000 रुपये नकद, विदेशी मुद्रा और 18 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट बरामद की गई हैं।


आरोपी का हवाला रैकेट

जानकारी के अनुसार, हर्षवर्धन जैन दलाली और शेल कंपनियों के माध्यम से हवाला रैकेट भी चलाता था। 2011 में उसके पास से एक सेटेलाइट फोन भी बरामद हुआ था, जिसके चलते उस पर पहले भी मुकदमा दर्ज किया गया था। वर्तमान में, यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट और गाजियाबाद के कविनगर थाने की टीम उससे पूछताछ कर रही है।