गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़: आरोपी ने बनाया खुद को 'राजनयिक'

फर्जी दूतावास का खुलासा
उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गाजियाबाद में एक नकली दूतावास का पर्दाफाश किया है, जिसे एक व्यक्ति ने 'पश्चिम आर्कटिका' (West Arctica) जैसे काल्पनिक देश का राजनयिक बताकर चलाया था। आरोपी, जिसका नाम हर्षवर्धन जैन है, को गिरफ्तार किया गया है। वह कवि नगर क्षेत्र में एक किराए के मकान से अवैध रूप से 'वाणिज्य दूतावास' का संचालन कर रहा था।
काल्पनिक देशों का 'दूत'
हर्षवर्धन जैन ने न केवल 'वेस्ट आर्कटिका', बल्कि 'सबोरगा', 'पोल्विया' और 'लोदोनिया' जैसे काल्पनिक देशों का भी स्वयंभू राजदूत बनने का दावा किया। वह खुद को अंतरराष्ट्रीय राजनयिक बताकर गाड़ियों पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगाता था और इस पहचान का उपयोग कर विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त था।
धोखाधड़ी की जटिल योजना
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी का कार्यप्रणाली अत्यंत संगठित थी। वह फर्जी कंपनियों के माध्यम से लोगों को विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देता था और हवाला नेटवर्क के जरिए लेनदेन करता था। इसके अलावा, उसने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे उच्च पदस्थ नेताओं की तस्वीरों को डिजिटल रूप से बदलकर अपने झूठे प्रभाव को बढ़ाने का प्रयास किया।
पुराने आपराधिक कनेक्शन
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि हर्षवर्धन का अतीत संदिग्ध रहा है। 2011 में उस पर अवैध सैटेलाइट फोन रखने का मामला दर्ज हुआ था। इसके अलावा, उसके संबंध चंद्रास्वामी जैसे विवादास्पद व्यक्तियों और अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर अदनान खगोशी से भी बताए जा रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि आरोपी लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में संलग्न रहा है।
छापेमारी में मिले महत्वपूर्ण सबूत
एसटीएफ की नोएडा यूनिट द्वारा की गई छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी और दस्तावेज बरामद किए गए। पुलिस को 44 लाख रुपये नगद, विदेशी मुद्रा, चार डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी गाड़ियां, 18 अलग-अलग नंबर प्लेट्स, 12 फर्जी राजनयिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मुहर लगे जाली कागजात, दो नकली पैन कार्ड और 34 मुहरें मिलीं। इसके साथ ही, दो फर्जी प्रेस कार्ड और विभिन्न कंपनियों से संबंधित दस्तावेज भी बरामद हुए।
कानूनी कार्रवाई जारी
गाजियाबाद के कवि नगर पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी अमिताभ यश ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी गहराई से जांच की जा रही है और कानूनी प्रक्रिया जारी है। पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।