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गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़: हर्षवर्धन जैन की गिरफ्तारी

गाजियाबाद में एक किराए के मकान को फर्जी दूतावास के रूप में इस्तेमाल करने वाले हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। STF की जांच में पता चला है कि वह ₹300 करोड़ के हवाला और नौकरी घोटाले में भी शामिल था। छापेमारी में फर्जी दस्तावेज, लग्जरी कारें और महंगी घड़ियाँ बरामद की गईं। जैन के संबंध चंद्रास्वामी और खशोगी जैसे विवादित व्यक्तियों से भी जुड़े हुए हैं। वेस्टआर्टिका ने जैन से खुद को अलग कर लिया है और उसकी गतिविधियों की जांच की जा रही है।
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गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का भंडाफोड़: हर्षवर्धन जैन की गिरफ्तारी

फर्जी दूतावास का खुलासा

गाजियाबाद में एक किराए के दो-मंजिला मकान को फर्जी दूतावास के रूप में इस्तेमाल करने वाले हर्षवर्धन जैन को आखिरकार कानून ने पकड़ लिया है। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की जांच में यह बात सामने आई है कि जैन न केवल एक नकली दूतावास चला रहा था, बल्कि वह ₹300 करोड़ के हवाला और नौकरी घोटाले में भी शामिल था। जांच में यह भी पता चला है कि उसने पिछले 10 वर्षों में 162 बार विदेश यात्रा की और उसके कई विदेशी बैंक खातों का भी पता चला है।


छापेमारी में मिली सामग्री

STF द्वारा गाजियाबाद में की गई छापेमारी में चार फर्जी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली लग्जरी कारें, नकली दस्तावेज और महंगी घड़ियों का संग्रह बरामद किया गया है। अब जैन को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।


फर्जी दूतावास की भव्यता

गाजियाबाद के एक पॉश इलाके में स्थित इस दो-मंजिला मकान के बाहर एक नेमप्लेट लगी थी, जिस पर लिखा था 'Grand Duchy of Westarctica' और 'H E HV Jain Honorary Consul'। मकान के बाहर भारत और वेस्टआर्टिका के झंडे लहराते थे। वेस्टआर्टिका, अंटार्कटिका में स्थित एक माइक्रोनेशन है जिसे कोई मान्यता प्राप्त देश आधिकारिक तौर पर नहीं मानता। जांच के अनुसार, जैन इस नकली पहचान का उपयोग कर लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने का लालच देता था और इस 'दूतावास' के माध्यम से नेटवर्किंग करता था।


चंद्रास्वामी और खशोगी के साथ संबंध

छापेमारी के दौरान, पुलिस को जैन की विवादित 'गॉडमैन' चंद्रास्वामी और सऊदी हथियार डीलर अदनान खशोगी के साथ तस्वीरें मिलीं। चंद्रास्वामी 80 और 90 के दशक में कई प्रधानमंत्रियों के आध्यात्मिक सलाहकार रहे थे। STF के अनुसार, चंद्रास्वामी ने जैन की मुलाकात खशोगी और ठग अहसान अली सय्यद से करवाई थी।


स्विट्ज़रलैंड में धोखाधड़ी

अहसान अली सय्यद, जो अब तुर्की का नागरिक बन चुका है, ने स्विट्ज़रलैंड में एक कंपनी 'Western Advisory Group' की स्थापना की थी। यह कंपनी व्यवसायों को ऋण दिलाने के नाम पर ब्रोकर का काम करती थी, जिसके जरिए लगभग ₹300 करोड़ की ठगी की गई। 2022 में सय्यद को लंदन में गिरफ्तार किया गया।


वेस्टआर्टिका का बयान

जांच के बाद, वेस्टआर्टिका ने खुद को जैन से अलग कर लिया है। उन्होंने कहा कि जैन को 2016 में उनके मिशन के लिए एक बड़ा दान देने के बाद 'Honorary Consul to India' बनाया गया था, लेकिन उन्हें कभी भी 'अम्बेसडर' का दर्जा नहीं दिया गया। वेस्टआर्टिका ने यह भी बताया कि जैन को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया है और उनकी गतिविधियों की जांच की जा रही है।