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गाजियाबाद में बुजुर्ग दंपत्ति से साइबर ठगी, 15 लाख की रकम हड़पी

गाजियाबाद में साइबर अपराध की एक नई घटना में एक बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट के जरिए 15 लाख रुपए की ठगी का शिकार होना पड़ा। आरोपियों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर उन्हें डराया और मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाया। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और जांच जारी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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गाजियाबाद में बुजुर्ग दंपत्ति से साइबर ठगी, 15 लाख की रकम हड़पी

गाजियाबाद में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं

गाजियाबाद समाचार: गाजियाबाद में साइबर अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। हाल ही में इंदिरापुरम में एक बुजुर्ग दंपत्ति को डिजिटल अरेस्ट के जरिए 15 लाख रुपए की ठगी का शिकार होना पड़ा। आरोपियों ने खुद को सीबीआई, कस्टम और पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ितों को डराया और उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बना दिया। डर के मारे, दंपत्ति ने आरोपियों के बताए गए खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए। इस मामले में पीड़ितों ने गाजियाबाद साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है, और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप

जानकारी के अनुसार, इंदिरापुरम में रहने वाली 82 वर्षीय संतोष कौर ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें एक महिला का फोन आया। महिला ने खुद को दूर संचार विभाग का कर्मचारी बताते हुए कहा कि उनके नाम पर केनरा बैंक में एक खाता है। इसके बाद, आरोपी ने एक व्यक्ति को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर कॉल ट्रांसफर कर दिया। उस व्यक्ति ने वीडियो कॉल के जरिए उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी।


फर्जी अधिकारियों के जरिए डराने की कोशिश

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि इसके बाद दो अन्य लोग भी वीडियो कॉल पर शामिल हुए, जिन्होंने खुद को साइबर क्राइम ब्रांच और सीबीआई का अधिकारी बताया। आरोपियों ने उन्हें व्हाट्सएप पर गिरफ्तारी के फर्जी वारंट और अन्य दस्तावेज भेजे। उन्होंने कहा कि अग्रिम जमानत के लिए तुरंत पैसे जमा करने होंगे। डर के कारण, दंपत्ति ने 15 लाख रुपए आरोपियों के बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। गाजियाबाद साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।