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गाजियाबाद में मंडोला योजना से प्रभावित किसानों का आंदोलन जारी

गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में मंडोला योजना से प्रभावित किसान पिछले 10 दिनों से आवास विकास कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं। किसानों की मुख्य मांग भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत मुआवजा और विकसित भूखंड है। वे 19 जून को गाजियाबाद कलेक्ट्रेट तक पदयात्रा करने की योजना बना रहे हैं। इस बार किसानों ने अपने पशुओं को भी धरना स्थल पर लाया है। मंडोला योजना में लोगों की रुचि कम होने के कारण कई फ्लैट खाली पड़े हैं।
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गाजियाबाद में मंडोला योजना से प्रभावित किसानों का आंदोलन जारी

किसानों का धरना

गाजियाबाद समाचार: गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र में मंडोला योजना से प्रभावित किसान एक बार फिर से आंदोलन पर उतर आए हैं। पिछले आठ वर्षों से ये किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अब पिछले 10 दिनों से किसान आवास विकास कार्यालय के बाहर डटे हुए हैं। इस बार का दृश्य कुछ अलग है, क्योंकि किसानों ने अपने पशुओं को भी कार्यालय परिसर में बांध दिया है और वे वहीं दिन-रात धरना दे रहे हैं।


किसानों की मांगें

क्या है मांग?


किसानों की प्रमुख मांग है कि उन्हें भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत उचित मुआवजा और विकसित भूखंड प्रदान किए जाएं। धरना स्थल पर उपस्थित किसानों का कहना है कि वे कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।


धरना स्थल पर किसान बैठकों के दौर से भी असंतुष्ट नजर आए हैं। उनका कहना है कि 19 जून को वे मंडोला से गाजियाबाद कलेक्ट्रेट तक पदयात्रा करेंगे, और यदि इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकला, तो वे लखनऊ की ओर कूच करेंगे। धरना स्थल पर किसानों के साथ उनके पशु भी मौजूद हैं, जिन्हें वहीं चारा और पानी दिया जा रहा है। हालांकि, आवास विकास कार्यालय पर किसानों के धरने और पशुओं को बांधने पर अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।


मंडोला योजना का परिचय

क्या है मंडोला योजना


आवास विकास परिषद द्वारा गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र में मंडोला में एक आवासीय योजना बनाई गई है। इसमें विभिन्न प्रकार के फ्लैट उपलब्ध हैं। हालांकि, मंडोला विहार योजना में लोगों की रुचि कम दिखाई दे रही है। लगभग 14 वर्षों बाद भी 3,000 से अधिक फ्लैट खाली पड़े हैं। फ्लैटों की कीमत भी अधिक नहीं है, लगभग 10 लाख से शुरू होती है। यहां तक कि 15 से 35 प्रतिशत की छूट भी इस योजना में प्रभावी नहीं हो सकी है। दूसरी ओर, किसान लगातार मुआवजे और विकसित भूखंड की मांग कर रहे हैं।


समस्या के कारण

ये हो सकती है वजह


हालांकि आवासीय योजना दिल्ली-गाजियाबाद के निकट है, लेकिन इसमें लोगों की रुचि कम है। इसका एक कारण यह है कि यह क्षेत्र सुनसान है और यहां अक्सर आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं। सड़कों पर रोशनी की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारण है।