गाजियाबाद में मुस्लिम महिलाओं ने स्वेच्छा से अपनाया हिंदू धर्म

गाजियाबाद की मुस्लिम महिलाओं का धर्म परिवर्तन
गाजियाबाद। बुर्के और हलाला की प्रथाओं से परेशान होकर मुस्लिम महिलाएं अब बदलाव की ओर बढ़ रही हैं। इस मुद्दे पर समाज में विभिन्न मत हैं, जहां कुछ महिलाएं बुर्के का समर्थन करती हैं, वहीं अन्य इसके खिलाफ हैं। गाजियाबाद में दो मुस्लिम महिलाओं ने अपने विवेक से इस्लाम को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया है। यह घटना केवल धर्मांतरण नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक बदलाव का प्रतीक है।
शालीमार गार्डन क्षेत्र की खुशबू खान और सोनिया खान ने अपने अनुभवों के आधार पर एक नया रास्ता चुना है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की है कि उन्होंने अपनी इच्छा से हिंदू धर्म अपनाया है और अब वे विपिन साहू और धीरज जायसवाल नामक हिंदू पुरुषों के साथ विवाह बिता रही हैं।
खुशबू खान, जिनकी पहली शादी यूसुफ से हुई थी और जिनसे तीन बच्चे भी हैं, ने कहा कि उन्होंने वर्षों तक घरेलू हिंसा और धार्मिक रूढ़ियों का सामना किया। उनका मानना है कि मुस्लिम समाज में महिलाओं को उचित सम्मान नहीं मिलता, जबकि हिंदू धर्म में उन्हें देवी के रूप में पूजा जाता है।
सोनिया खान की कहानी
सोनिया खान, जिन्होंने अपना नाम बदलकर सोनिया चौधरी रखा है, ने बताया कि वे लंबे समय से धीरज जायसवाल से प्रेम करती थीं और छह वर्ष पहले विवाह कर चुकी थीं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय में प्रचलित कुछ धार्मिक प्रथाएं, जैसे बुर्का पहनने की अनिवार्यता और हलाला की परंपरा, उनके लिए असहज थीं। इन परंपराओं के खिलाफ उनकी असहमति ने उन्हें एक नई पहचान की ओर प्रेरित किया।
धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया
धर्मांतरण की प्रक्रिया हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी की उपस्थिति में संपन्न हुई। संगठन का दावा है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वेच्छा से और शांतिपूर्ण तरीके से हुई है। दोनों महिलाओं ने वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा और दीक्षा में भाग लिया। उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में जबरन धर्मांतरण के मामलों को लेकर सरकार सतर्क है, लेकिन गाजियाबाद की इस घटना में अब तक कोई दबाव या जबरदस्ती की पुष्टि नहीं हुई है। दोनों महिलाओं ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने यह निर्णय सोच-समझकर लिया है।