गाजीपुर में भाजपा कार्यकर्ता की मौत पर सपा अध्यक्ष का तीखा हमला

गाजीपुर में भाजपा कार्यकर्ता की मौत का मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस की लाठीचार्ज के कारण घायल भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मृत्यु ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब विपक्षी दल के नेता इस घटना को लेकर सरकार और पुलिस पर तीखे हमले कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि जब अपने लोग मारे गए हैं, तब भाजपा को उन लोगों का दर्द समझ में आया है, जो वर्षों से मारे जा रहे थे।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार की पुलिस ने अब तक ‘हिरासत में मौत’ का जो रिकॉर्ड बनाया था, अब उसका शिकार सत्ताधारी दल के अपने लोग भी होने लगे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अब जब अपने लोग मारे गए हैं, तो भाजपा को उन लोगों का दर्द समझ में आया है, जो वर्षों से मारे जा रहे थे।
अब तक उप्र भाजपा सरकार की पुलिस ‘हिरासत में मौत’ का जो रिकॉर्ड-पर-रिकॉर्ड बना रही थी, अब उसका शिकार सत्ताधारी दल के अपने लोग भी होने शुरू हो गये हैं। अब जब अपने लोग मारे गये तो भाजपाइयों को इतने सालों से मारे जा रहे लोगों का दर्द समझ आया है। हर मृतक किसी भी दल से पहले देश का… pic.twitter.com/wxzwB7znEU
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 12, 2025
उन्होंने आगे कहा कि हर मृतक पहले देश का नागरिक है और एक मानव भी, इसलिए ऐसी हर मौत के लिए पुलिस की कड़ी निंदा होनी चाहिए। इसके साथ ही उन लोगों की भी निंदा होनी चाहिए जिन्होंने ऐसे कुकृत्यों को बढ़ावा दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि उत्तर प्रदेश की पुलिस को भाजपा और उनके सहयोगियों पर प्रहार करने के पीछे कौन है। क्या कोई भी इस आपसी लड़ाई का खामियाजा भुगतेगा?
घटनाक्रम का विवरण
हाल ही में, बिजली के खंभे लगाने के विरोध में नोनहरा थाने के सामने धरना प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे सियाराम उपाध्याय गंभीर रूप से घायल हो गए। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेरकर लाठियां मारीं, जिससे वे गंभीर चोटिल हो गए। उनका पूरा शरीर काला पड़ गया था। पुलिस की पिटाई के बाद, डर के कारण उनका सही उपचार नहीं हो पाया। सियाराम उपाध्याय की मृत्यु के बाद भाजपा नेताओं ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।