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गार्डन की सुरक्षा: खराब एक्यूआई से बचाव के उपाय

दिल्ली और एनसीआर में खराब एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) ने गार्डनिंग को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। यह लेख बताता है कि कैसे प्रदूषण पौधों को नुकसान पहुंचाता है और इसके प्रभाव से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। जानें कि कौन से पौधे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए क्या करना चाहिए।
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गार्डन की सुरक्षा: खराब एक्यूआई से बचाव के उपाय

गार्डन की सुरक्षा के उपाय


जानें बचाव और रख-रखाव के उपाय


दिल्ली और एनसीआर के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में तेजी से गिरावट आई है। यह जहरीली हवा न केवल मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है, बल्कि आपके गार्डन और पौधों के लिए भी गंभीर खतरा बन गई है।


यदि प्रदूषण का स्तर लंबे समय तक उच्च बना रहता है, तो पौधे कमजोर हो जाते हैं, उनकी वृद्धि रुक जाती है, और कई बार वे मुरझा कर मर भी जाते हैं। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि खराब एक्यूआई गार्डन को कैसे प्रभावित करता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।


एक्यूआई का पौधों पर प्रभाव

एक्यूआई, यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स, हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा को दर्शाता है। पीएम 2.5, पीएम 10, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और ओजोन जैसे तत्व हवा को विषैला बनाते हैं। जब इनकी मात्रा बढ़ती है, तो पौधों की पत्तियों पर एक परत जम जाती है।


यह परत सूर्य की रोशनी को पत्तियों तक पहुँचने से रोकती है, जिससे पौधे उचित फोटोसिंथेसिस नहीं कर पाते। जब पौधों को आवश्यक रोशनी और ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो उनकी वृद्धि रुक जाती है। कई पौधों में काले धब्बे, पत्तियों का मुरझाना और फूल-फल का न लगना जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।


स्मॉग का पौधों की सेहत पर प्रभाव


  • हवा में धूल, स्मॉग और रासायनिक तत्व पत्तियों को ढक लेते हैं, जिससे पौधे सांस नहीं ले पाते।

  • पत्तियां फीकी पड़ जाती हैं और उनकी चमक खत्म हो जाती है।

  • प्रकाश संश्लेषण में कमी के कारण पौधे अपनी आवश्यक ऊर्जा नहीं बना पाते।

  • इससे नई पत्तियां नहीं आतीं, पौधे छोटे रह जाते हैं और जड़ों की वृद्धि भी कमजोर हो जाती है।

  • नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और ओजोन पौधों की पत्तियों में जलन पैदा करते हैं।

  • पत्तियों के किनारे भूरे या काले हो जाते हैं और समय के साथ पूरा पत्ता सूख जाता है।

  • जब पौधे कमजोर हो जाते हैं, तो उनमें फूल और फल बनना बंद हो जाता है।

  • किचन गार्डन में बैंगन, मिर्च, टमाटर जैसी सब्जियों की पैदावार काफी कम हो जाती है।

  • प्रदूषण के कारण पौधे तनाव में आ जाते हैं, जिससे उन्हें पानी की अधिक आवश्यकता होती है।

  • हालांकि, कभी-कभी पत्तियों पर धूल जमने से पानी भी पूरी तरह अवशोषित नहीं हो पाता है।


किन पौधों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है


  • तुलसी

  • मनी प्लांट

  • गुलाब

  • एलोवेरा

  • सब्जी वाले पौधे (टमाटर, मिर्च, भिंडी)

  • पाम प्लांट

  • फर्न


गार्डन की सुरक्षा के उपाय


  • स्प्रे बोतल से पत्तियों पर हल्का पानी छिड़कें। इससे जमा धूल हट जाएगी और पौधे फिर से सांस ले पाएंगे।

  • पौधों की जड़ों के आसपास सूखे पत्ते, कोकोपीट या भूसा डालें। इससे मिट्टी में नमी बरकरार रहेगी।

  • स्मॉग में तेज धूप और धूल पौधों को नुकसान पहुंचाती है। इसलिए सुबह 8 बजे से पहले या शाम 5 बजे के बाद पानी दें।

  • सीवीड लिक्विड, नीम ऑइल या पोटाशियम बाइकार्बोनेट स्प्रे पौधों को प्रदूषण के प्रभाव से बचाते हैं।

  • अगर एक्यूआई बहुत खराब (300+) है, तो इनडोर पौधों जैसे स्नेक प्लांट, एरेका पाम को घर के अंदर रखें।

  • हर 15 दिन में लिक्विड खाद दें जैसे सीवीड लिक्विड, ह्यूमिक एसिड, गोमूत्र, नीम खली, ये पौधों की इम्युनिटी को बढ़ाते हैं।