गुजरात ATS ने अलकायदा से जुड़े आतंकियों का किया पर्दाफाश

गुजरात एटीएस की बड़ी सफलता
गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। टीम ने अलकायदा से जुड़े एक आतंकवादी मॉड्यूल का खुलासा किया है। एटीएस ने गुजरात से दो, दिल्ली से एक और नोएडा से एक आतंकवादी को गिरफ्तार किया। एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि इन चारों आतंकियों में मास्टरमाइंड मो. फैक शामिल है, जो दिल्ली से सभी को निर्देशित कर रहा था। आतंकियों के पास से तलवार और अलकायदा से संबंधित सामग्री भी बरामद की गई है। ये आतंकवादी देश में बड़े हमले की योजना बना रहे थे। चारों की पहचान मो. फैक, जीशान अली, सैफुल्ला कुरैशी और मो. फरदीन के रूप में हुई है। एटीएस ने इन्हें युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, जिहाद को बढ़ावा देने और देश-विरोधी गतिविधियों की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
बड़े हमले की योजना
डीआईजी सुनील जोशी ने बताया कि जांच में आतंकियों की योजना से यह स्पष्ट होता है कि वे आगामी दिनों में बड़े हमले को अंजाम देने की तैयारी में थे। यह कार्य उन्हें पाकिस्तान से निर्देशित किया जाना था। ये आतंकवादी बड़े पैमाने पर युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे थे। डीआईजी ने कहा कि यह जांच की जाएगी कि क्या इन्हें पाकिस्तान से फंडिंग मिलती थी। आतंकियों की शरीयत, जिहाद, राज्यों में दंगे फैलाने और भारत विरोधी हिंसा फैलाने की कई योजनाएं थीं.
इंस्टाग्राम से मिली जानकारी
गुजरात ATS के डिप्टी एसपी हर्ष उपाध्याय को 10 जून को सूचना मिली थी कि कुछ सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए देश विरोधी गतिविधियां चल रही हैं। एटीएस ने ऐसी पांच इंस्टाग्राम आईडी की पहचान की और एक विशेष टीम का गठन किया। ये लोग मुजाहिदीन जैसे सोशल मीडिया अकाउंट बनाकर लोगों को कट्टरपंथी बनाने का काम कर रहे थे। एटीएस ने बताया कि मास्टरमाइंड मो. फैक पाकिस्तान के इंस्टाग्राम हैंडलर के संपर्क में था और इन अकाउंट्स के माध्यम से आतंकवादी गतिविधियों पर चर्चा करता था.
14 दिन की रिमांड
एटीएस ने चारों आतंकियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की रिमांड मिली है। अहमदाबाद के आरोपी से तलवार मिली है जबकि नोएडा के आरोपी के पास से कई हथियारों की जानकारी मिली है। एटीएस अब मामले में फंडिंग से जुड़े संबंधों की जांच कर रही है.
भड़काऊ सामग्री का प्रसार
एटीएस की जांच में यह भी सामने आया कि ये आतंकवादी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग करके भड़काऊ और उत्तेजक सामग्री को वायरल करते थे। इसमें भड़काऊ वीडियो, जिहादी प्रचार, और भारतीय राज्य के खिलाफ हिंसा का आह्वान शामिल था, विशेष रूप से हिंदू समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाते हुए.
चार एजेंसियों का सहयोग
चारों आतंकियों को पकड़ने में कोई एक एजेंसी नहीं, बल्कि चार एजेंसियों ने मिलकर काम किया है। इसमें दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, यूपी एटीएस, गुजरात एटीएस और केंद्रीय एजेंसी शामिल हैं। सभी ने मिलकर इस आतंकवादी मॉड्यूल का खुलासा किया है.