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गुजरात ATS ने डॉक्टर के नेतृत्व में आतंकवादी मॉड्यूल का किया पर्दाफाश, ISKP से जुड़े तार

गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वॉड ने एक डॉक्टर के नेतृत्व में एक आतंकवादी मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है, जो ISKP से जुड़ा हुआ है। डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद पर आरोप है कि वह राइसिन जैसे घातक रासायनिक पदार्थ का उपयोग कर बड़े पैमाने पर हमले की योजना बना रहा था। उसके साथ दो अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच में यह सामने आया है कि यह नेटवर्क भीड़-भाड़ वाले स्थानों को निशाना बनाने की तैयारी कर रहा था। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के तार।
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गुजरात ATS ने डॉक्टर के नेतृत्व में आतंकवादी मॉड्यूल का किया पर्दाफाश, ISKP से जुड़े तार

नई दिल्ली में आतंकवादी गतिविधियों का खुलासा


नई दिल्ली: गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने एक ऐसे आतंकवादी नेटवर्क का खुलासा किया है जिसने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इस मॉड्यूल का मुख्य आरोपी एक डॉक्टर है, जिसने चीन से MBBS की डिग्री प्राप्त की है। आरोपी का नाम डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद है, और उस पर आरोप है कि वह राइसिन जैसे घातक रासायनिक पदार्थ का उपयोग कर बड़े पैमाने पर हमले की योजना बना रहा था। इसके संबंध इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) से जुड़े पाए गए हैं।


डॉक्टर के साथ अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी

गुजरात ATS के DIG सुनील जोशी के अनुसार, यह मॉड्यूल अत्यंत संगठित और खतरनाक तरीके से कार्य कर रहा था। डॉ. सैयद के साथ दो अन्य संदिग्ध, आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल मोहम्मद सलीम, को भी गिरफ्तार किया गया है। जांच में यह सामने आया है कि इन तीनों ने लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद के संवेदनशील क्षेत्रों में रेकी की थी। एजेंसियों को संदेह है कि यह नेटवर्क भीड़-भाड़ वाले स्थानों या धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की योजना बना रहा था।


राइसिन बनाने की कोशिश

ATS ने बताया कि डॉ. सैयद अरंडी के तेल का उपयोग करके राइसिन बनाने का प्रयास कर रहा था। छापेमारी के दौरान उसके पास से चार लीटर अरंडी का तेल, मोबाइल फोन, लैपटॉप और कई हथियार बरामद हुए। राइसिन एक अत्यंत खतरनाक रासायनिक पदार्थ है, जिसकी थोड़ी मात्रा भी जानलेवा हो सकती है। जांचकर्ताओं का कहना है कि सैयद ने इसके लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री इकट्ठा कर ली थी और प्रारंभिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।


ISKP से संबंध

पूछताछ में यह पता चला कि सैयद के पीछे अबू खदीजा नाम का एक हैंडलर काम कर रहा था, जो ISKP से जुड़ा हुआ है। एजेंसियों के अनुसार, खदीजा पाकिस्तान में सक्रिय कई व्यक्तियों से संपर्क में था और ड्रोन के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति करता था। वह सैयद को निर्देश देने के साथ-साथ फंडिंग भी भेजता था। सैयद सोशल मीडिया के जरिए एक स्लीपर नेटवर्क बनाने की कोशिश कर रहा था और पिछले एक साल से विभिन्न राज्यों में संभावित स्थानों की पहचान कर रहा था। हालांकि, किसी स्थानीय मॉड्यूल के सक्रिय होने के ठोस सबूत अभी तक नहीं मिले हैं।


ISKP का परिचय

ISKP इस्लामिक स्टेट का दक्षिण और मध्य एशिया में कार्यरत विंग है, जिसकी स्थापना 2015 में हुई थी। इसका मुख्य संचालन क्षेत्र अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर स्थित खोरासान क्षेत्र है। यह संगठन तेज और अचानक हमलों की रणनीति अपनाता है, जैसे कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले। यह ऑनलाइन भर्ती, तस्करी नेटवर्क और क्रिप्टो फंडिंग के माध्यम से अपनी गतिविधियों को संचालित करता है।


हालांकि भारत में इसकी सीधी उपस्थिति नहीं मिली है, लेकिन इसके डिजिटल समर्थक और कट्टरपंथी संपर्क कई बार जांच एजेंसियों के रडार पर आ चुके हैं। इसी कारण से NIA और ATS इसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं।


गांधीनगर में गुप्त ऑपरेशन

7 नवंबर को ATS ने गांधीनगर के अडालज क्षेत्र में एक गुप्त ऑपरेशन के तहत सैयद को गिरफ्तार किया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि उसने कलोल क्षेत्र में एक सुनसान स्थान पर हथियार छिपा रखे थे। अब एजेंसियां उसके नेटवर्क, फंडिंग और संपर्कों की गहराई से जांच कर रही हैं।