गुजरात के कच्छ में भूकंप की चेतावनी: भूवैज्ञानिकों की चिंता बढ़ी
कच्छ में भूकंप की गतिविधियाँ
कच्छ भूकंप चेतावनी: शुक्रवार को गुजरात के कच्छ क्षेत्र में 4.6 की तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद 30 घंटे के भीतर लगभग 23 हल्के झटके महसूस किए गए हैं। हालांकि, इन झटकों से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह संकेत दे रहे हैं कि एक बड़ा भूकंप आ सकता है। इस कारण से भूवैज्ञानिकों की चिंताएँ इस संवेदनशील क्षेत्र को लेकर बढ़ गई हैं।
कच्छ में हालिया भूकंप ने 2001 में आए विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा कर दी हैं, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे और लाखों लोग प्रभावित हुए थे। रिपोर्टों के अनुसार, हाल के भूकंप के बाद भूवैज्ञानिकों ने क्षेत्र में तीन सक्रिय फॉल्ट लाइनों का पता लगाया है।
भूकंप के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि कथरोल हिल, गोरा डोंगर और नॉर्थ वागड़ फॉल्ट लाइनों की गतिविधियाँ एक साथ बढ़ गई हैं। कच्छ क्षेत्र पहले से ही 10 से अधिक फॉल्ट लाइनों पर स्थित है, जिनमें कच्छ मेनलैंड और साउथ वागड़ फॉल्ट शामिल हैं, जो 2001 में आए भूकंप के दौरान टूट गए थे।
कच्छ यूनिवर्सिटी के जियोसाइंसेज विभाग के सहायक प्रोफेसर गौरव चौहान ने बताया कि पारंपरिक रूप से सक्रिय फॉल्ट लाइनों ने वर्षों से भूकंप उत्पन्न किए हैं। हालिया झटकों ने नॉर्थ वागड़ फॉल्ट पर गतिविधि की पुष्टि की है, जो चिंता का विषय है।
चौहान ने कहा, 'आफ्टरशॉक्स दबाव को कम करते हैं, लेकिन कई फॉल्ट लाइनों का सक्रिय होना एक चेतावनी है। ये फॉल्ट बड़े भूकंप उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं, इसलिए तैयारी करना बहुत महत्वपूर्ण है।' वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कच्छ में आने वाला कोई भी शक्तिशाली भूकंप केवल इस क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पश्चिमी भारत के बड़े हिस्से को प्रभावित कर सकता है।
