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गुजरात के भगोड़े उपवन पवन जैन का यूएई से प्रत्यर्पण, सीबीआई को मिली बड़ी सफलता

गुजरात के भगोड़े उपवन पवन जैन को यूएई से भारत लाने में सीबीआई को बड़ी सफलता मिली है। जैन पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं। सीबीआई ने इंटरपोल के सहयोग से यह कार्रवाई की, जिससे यह साबित होता है कि भारत की अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण में क्षमता बढ़ रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और जैन की गिरफ्तारी के पीछे की कहानी।
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गुजरात के भगोड़े उपवन पवन जैन का यूएई से प्रत्यर्पण, सीबीआई को मिली बड़ी सफलता

उपवन पवन जैन का प्रत्यर्पण

नई दिल्ली: भारतीय जांच एजेंसियों ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। गुजरात के भगोड़े उपवन पवन जैन को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित किया गया है। जैन पर गुजरात पुलिस द्वारा धोखाधड़ी, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।


केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) और एनसीबी-अबू धाबी के साथ समन्वय किया। इस सहयोग के तहत आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया गया। इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वांछित अपराधियों की पहचान और ट्रैकिंग के लिए भेजा जाता है।


इसके बाद, एजेंसी ने इंटरपोल और अबू धाबी के एनसीबी के साथ मिलकर आरोपी को यूएई में ट्रेस किया और उसे भारत लाने की प्रक्रिया को पूरा किया। इंटरपोल चैनलों के माध्यम से इस समन्वय के बाद उपवन पवन जैन को 20 जून को भारत वापस लाया गया।


सीबीआई ने एक प्रेस नोट में बताया कि गुजरात पुलिस के अनुरोध पर 6 मार्च 2023 को इंटरपोल रेड नोटिस जारी किया गया था। उपवन पवन जैन की गिरफ्तारी यूएई में हुई और उसके बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया था।


सीबीआई के अनुसार, एक मामला गुजरात के सूरत शहर के अदाजन पुलिस स्टेशन में दर्ज है, जिसमें जैन पर छलपूर्वक स्वयं को गलत तरीके से पेश करने, धोखाधड़ी कर संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने, कीमती दस्तावेजों की जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोप हैं।


उपवन पवन जैन एक रियल एस्टेट एजेंट के रूप में कार्यरत था। उसने शिकायतकर्ता को चार अलग-अलग संपत्तियां दिखाईं और उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित किया। आरोप है कि उसने अपने सहयोगियों को असली संपत्ति मालिकों की फर्जी पहचान देकर बैंक खाते खुलवाए और धोखाधड़ी करके साढ़े 3 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की।


सीबीआई ने प्रेस नोट में बताया कि पिछले कुछ वर्षों में इंटरपोल के माध्यम से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है। यह सफलता भारत की अंतरराष्ट्रीय अपराध नियंत्रण में बढ़ती क्षमता और सीबीआई की सक्रिय भूमिका को दर्शाती है।