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गुजरात के वनतारा को सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट: जानें क्या है पूरा मामला

गुजरात के पशु बचाव केंद्र वनतारा को सुप्रीम कोर्ट की एसआईटी ने क्लीन चिट दे दी है। इस मामले की जांच के बाद अदालत ने कहा कि केंद्र ने सभी नियामक उपायों का पालन किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी, एसआईटी की रिपोर्ट और अदालत के आदेश के बारे में।
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गुजरात के वनतारा को सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट: जानें क्या है पूरा मामला

वनतारा को मिली क्लीन चिट

Vantara Clean Chit: गुजरात स्थित पशु बचाव केंद्र वनतारा को सुप्रीम कोर्ट की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने क्लीन चिट प्रदान की है। इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे और पेन ड्राइव के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की। न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति पी.बी. वराले की पीठ ने इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए कहा कि केंद्र के अधिकारियों ने सभी आवश्यक नियामक उपायों का पालन किया है, जिससे अदालत संतुष्ट है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता में बनी चार सदस्यीय एसआईटी की जांच के बाद आया है। इस निर्णय से वनतारा पर लगे अनियमितताओं के आरोपों की जांच समाप्त हो गई है और केंद्र को कानूनी मंजूरी मिल गई है.


मामले का विवरण

क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया और गैर सरकारी संगठनों द्वारा उठाए गए गंभीर आरोपों के संदर्भ में वनतारा के खिलाफ दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान चार सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि निजी प्रतिवादियों से जवाब मांगने का कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि आरोपों का आधार कमजोर है। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि ये याचिकाएं न तो आरोपों की पुष्टि करती हैं और न ही किसी प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर संदेह करती हैं.


जांच प्रक्रिया और रिपोर्ट

जांच के निर्देश और रिपोर्ट की प्रस्तुति

एसआईटी को भारत और विदेश से पशुओं के आयात, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, चिड़ियाघर नियम, लुप्तप्राय प्रजातियों के व्यापार पर अंतरराष्ट्रीय समझौते, और पशु आयात-निर्यात से जुड़े नियमों की जांच करनी थी। इसके अलावा, पशुपालन, पशु चिकित्सा देखभाल, पशु कल्याण मानक, मृत्यु दर, जलवायु प्रभाव, औद्योगिक क्षेत्र के निकटता से जुड़े आरोपों और जैव विविधता संसाधनों के उपयोग की भी समीक्षा की गई। शुक्रवार को प्रस्तुत रिपोर्ट में एसआईटी ने वनतारा को इन सभी पहलुओं पर अनुपालन करते हुए पाया।

पीठ ने कहा कि एसआईटी ने एक सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट और पेन ड्राइव जमा की है, जिसमें सभी दस्तावेज शामिल हैं। इसे स्वीकार किया गया है और इसे रिकॉर्ड में शामिल करने का निर्देश दिया गया है.