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गुजरात में अंतरराष्ट्रीय गुलामी रैकेट का सरगना गिरफ्तार

गुजरात पुलिस ने एक बड़े साइबर रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह युवाओं को विदेश में नौकरी का झांसा देकर उन्हें म्यांमार और कंबोडिया भेजता था। आरोपी की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह विदेश भागने की योजना बना रहा था। जांच में पता चला है कि वह कई विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा था और युवाओं को बंधक बनाकर उनसे साइबर अपराध करवाता था। इस मामले में कई अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
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गुजरात में अंतरराष्ट्रीय गुलामी रैकेट का सरगना गिरफ्तार

गुजरात पुलिस ने साइबर रैकेट का भंडाफोड़ किया


म्यांमार और कंबोडिया में भेजे गए सैकड़ों लोग


गुजरात पुलिस ने एक बड़े साइबर रैकेट का पर्दाफाश करते हुए इसके मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह चीन से संचालित हो रहा था और अब तक सैकड़ों लोगों को म्यांमार और कंबोडिया जैसे देशों में भेज चुका था। पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस गिरफ्तारी को उस समय अंजाम दिया जब आरोपी नील विदेश भागने की योजना बना रहा था।


प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी की 100 से अधिक विदेशी कंपनियों के साथ सांठगांठ थी और वह 1000 से अधिक लोगों को कंबोडिया और म्यांमार भेजने के लिए नई डील कर चुका था। गिरफ्तारी से एक दिन पहले उसने पंजाब के एक व्यक्ति को कंबोडिया भेजा था।


युवाओं को कैसे फंसाता था आरोपी

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह रैकेट नौकरी की तलाश में युवाओं को विदेश में उच्च वेतन वाली डेटा एंट्री जैसी नौकरियों का झांसा देता था। आरोपी सोशल मीडिया, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और फेसबुक के माध्यम से लोगों से संपर्क करता था। फिर उनका पासपोर्ट छीनकर उन्हें बंधक बनाकर म्यांमार ले जाया जाता था, जहां उनसे जबरन साइबर अपराध करवाए जाते थे, जैसे फिशिंग, क्रिप्टो स्कैम, पोंजी स्कीम और डेटिंग ऐप फ्रॉड। जो लोग इनकार करते थे, उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।


आर्थिक लाभ और ट्रेल छिपाने के तरीके

जांच में यह भी सामने आया है कि हर व्यक्ति को भेजने पर नील को लगभग 1.6 लाख से 3.7 लाख रुपये कमीशन मिलता था। इसमें से 30-40% रकम वह अपने सब-एजेंट्स को देता था। पैसे की ट्रेल छिपाने के लिए कई 'म्यूल' बैंक अकाउंट और पांच से अधिक क्रिप्टो वॉलेट का उपयोग किया जाता था। आरोपी अब तक भारत के अलावा श्रीलंका, फिलीपींस, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, नाइजीरिया, मिस्र, कैमरून, बेनिन और ट्यूनीशिया के नागरिकों को इन स्कैम कैंपों में भेज चुका है।


गुजरात के उपमुख्यमंत्री ने दी जानकारी

गुजरात के उपमुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने मंगलवार को इस गिरफ्तारी की जानकारी दी। सीआईडी-क्राइम की साइबर सेंटर फॉर एक्सीलेंस टीम ने नील को गांधीनगर से तब पकड़ा जब वह कथित तौर पर मलयेशिया भागने की तैयारी में था। इससे पहले पुलिस ने उसके दो मुख्य सहयोगियों, हितेश सोमैया और सोनल फलदू, को भी गिरफ्तार किया था। इस रैकेट से जुड़े दो अन्य आरोपी, भवदीप जडेजा और हरदीप जडेजा, भी पकड़े जा चुके हैं।