गुजरात में पीएम स्वनिधि योजना: स्ट्रीट वेंडर्स के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का एक नया अध्याय

पीएम स्वनिधि योजना का प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम स्वनिधि योजना ने देशभर के स्ट्रीट वेंडर्स और छोटे व्यापारियों के जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना का सफल कार्यान्वयन गुजरात ने एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया है। भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा 1 जून 2020 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स को सशक्त बनाना और उन्हें औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जोड़ना है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने इस योजना को मिशन मोड में लागू किया है, जिसमें शहरी क्षेत्रों में वेंडर्स को ऋण वितरण, डिजिटल पंजीकरण और निरंतर सहायता प्रदान की जा रही है। यह योजना जून 2025 में अपनी पांचवीं वर्षगांठ मनाएगी और पिछले पांच वर्षों में आजीविका सशक्तीकरण और समावेशी आर्थिक विकास की मिसाल बन चुकी है.
गुजरात का उत्कृष्ट प्रदर्शन
गुजरात ने पीएम स्वनिधि योजना के सफल क्रियान्वयन में लगातार उत्कृष्टता दिखाई है। राज्य ने जुलाई 2023 तक 3 लाख लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य समय पर पूरा किया। इसके बाद, अक्टूबर 2024 तक 4 लाख लाभार्थियों को ऋण पहुंचाने का लक्ष्य भी पार कर लिया, जिससे गुजरात को राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। केंद्र सरकार ने नवंबर 2024 में गुजरात का लक्ष्य बढ़ाकर 5.20 लाख लाभार्थियों तक ऋण पहुंचाने का निर्णय लिया, जिसमें गुजरात ने 92.14% लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया है। अब तक 4,79,141 स्ट्रीट वेंडर्स इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है.
आर्थिक मजबूती और वित्तीय सहायता
भारत सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना के सफल कार्यान्वयन में गुजरात को 30.47 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी प्रदान की है। यह योजना पूरी तरह से केंद्रीय वित्त पोषण के तहत चल रही है, जिससे वेंडर्स पर ऋण चुकाने का दबाव कम हुआ है। गुजरात में 4.79 लाख से अधिक वेंडर्स को पहली किश्त का ऋण मिल चुका है, जबकि 1.71 लाख को दूसरी और 42,176 को तीसरी किश्त दी गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार ने लक्षित ऋण वितरण शिविर और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से सभी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित किया है.
डिजिटल समावेशन की पहल
गुजरात ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स के लिए डिजिटल समावेशन और वित्तीय साक्षरता को प्राथमिकता दी है। राज्य में नियमित रूप से डिजिटल साक्षरता शिविर आयोजित किए जाते हैं, जहां वेंडर्स को रियल-टाइम भुगतान प्रणाली से अवगत कराया जाता है। इसके अलावा, मेगा लोन वितरण शिविरों के माध्यम से अधिक से अधिक वेंडर्स को योजना से जोड़ा जा रहा है। इन पहलों के चलते वेंडर्स को अब तक डिजिटल लेनदेन के जरिए 15.87 करोड़ रुपये का कैशबैक भी प्राप्त हुआ है.
गुजरात की समर्पित पहल
पीएम स्वनिधि योजना के तहत गुजरात की सफलता राज्य की स्ट्रीट वेंडर्स के प्रति प्रतिबद्धता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। डिजिटल तकनीकों का प्रभावी उपयोग, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग के माध्यम से गुजरात सरकार ने सुनिश्चित किया है कि हजारों स्ट्रीट वेंडर्स आवश्यक संसाधनों तक पहुंच सकें। इन प्रयासों के माध्यम से गुजरात ने साबित किया है कि सक्षम शासन न केवल जीवन को बदल सकता है, बल्कि आर्थिक विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है.