गुजरात में विमान दुर्घटना: बदरुद्दीन हलानी और परिवार की त्रासदी

गुजरात विमान दुर्घटना की भयावहता
गुजरात विमान दुर्घटना: आनंद के व्यवसायी बदरुद्दीन हलानी और उनके परिवार के लिए गुरुवार का दिन एक भयानक त्रासदी में बदल गया। यह दुखद घटना अहमदाबाद में एक विमान दुर्घटना के रूप में सामने आई, जिसमें 241 लोगों की जान गई, जिनमें बदरुद्दीन और उनकी पत्नी यासमिन भी शामिल थे।
अचानक हुई दुर्घटना
गुरुवार को दोपहर 1:17 बजे, बदरुद्दीन ने फेसबुक पर अपनी पत्नी, दोस्तों और परिवार का धन्यवाद करते हुए बताया कि वह यूके जा रहे हैं। इसके बाद, विमान में चढ़ने के दस मिनट बाद उन्होंने अपने भाई को फोन किया। 1:27 बजे जब उन्होंने कॉल की, उस समय किसी को नहीं पता था कि कुछ ही मिनटों में यह विमान एक भयानक दुर्घटना का शिकार होने वाला है। कुछ सेकंड बाद, विमान एक इमारत से टकरा गया और भीषण आग लग गई।
सपना अधूरा रह गया
बदरुद्दीन हलानी, अपनी पत्नी यासमिन और बहन मलेक के साथ लंदन अपने पोते-पोतियों से मिलने जा रहे थे। उनका सपना था कि वे अमेरिका में RSS से जुड़े सैनिक स्कूल, सिलवासा के लिए धन जुटाएं। यह प्रोजेक्ट उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
शवों की पहचान के लिए DNA टेस्ट
बदरुद्दीन के भाई राजूभाई हलानी ने बताया, 'वह हमेशा समाज सेवा के प्रति समर्पित रहे। सैनिक स्कूल उनका सपना था और वह एक दादा भी थे, जो अपने पोते-पोतियों के साथ समय बिताना चाहते थे।' इस हादसे के बाद, जहां कई शव पूरी तरह से जल चुके थे और पहचानना मुश्किल हो रहा था, अधिकारियों ने शवों की पहचान के लिए DNA टेस्ट शुरू कर दिए हैं।
परिवार का दर्द
बदरुद्दीन के बेटे, असीम हलानी, अहमदाबाद पहुंचे और अस्पताल में DNA प्रोफाइलिंग के लिए गए हैं। असीम ने कहा, 'मेरी दोनों बेटियां बहुत खुश थीं क्योंकि दादी-दादा लंदन आ रहे थे। उन्होंने उनके लिए ग्रीटिंग कार्ड भी बनाए थे। अब उन्हें वह कार्ड किसे देंगे? यह हमारे परिवार के लिए बहुत कठिन समय है।'
पिता का प्यार
उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता हमेशा बेहद प्यार करने वाले थे और चाहते थे कि उनकी बेटियां भी वही प्यार और स्नेह महसूस करें, जो उन्होंने अपनी जिंदगी में अनुभव किया था। असीम ने आंसू भरी आंखों से कहा, 'मेरे पिता कभी मुझे डांटते नहीं थे। अगर मैं एक खिलौना मांगता, तो वह मुझे कई खिलौने लाकर देते थे। मैं चाहता था कि मेरी बेटियां भी वही प्यार और स्नेह महसूस करें.'
दुर्घटना का आंकड़ा
इस दर्दनाक हादसे में कुल 241 लोग मारे गए, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश नागरिक, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई और 12 क्रू मेंबर्स शामिल थे। इस दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति ब्रिटेन के 40 वर्षीय व्यापारी विशाल कुमार रमेश थे.