गुरमीत राम रहीम की 40 दिन की पैरोल पर रिहाई, विवादों का सामना

गुरमीत राम रहीम की पैरोल पर रिहाई
बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को हरियाणा की रोहतक जेल से एक बार फिर पैरोल पर रिहा किया गया है। यह इस वर्ष उनकी तीसरी रिहाई है और 2017 में सजा मिलने के बाद से उनकी 14वीं बार रिहाई है। पिछली बार उन्हें तीन महीने पहले पैरोल मिली थी, जबकि इस बार यह 40 दिनों की है।
राम रहीम की रिहाई उनके जन्मदिन के आसपास होने के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है, जो 15 अगस्त को है। इससे पहले, उन्हें अप्रैल में 21 दिनों की फरलो और जनवरी में 30 दिनों की पैरोल दी गई थी। राम रहीम वर्तमान में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।
इस बार 40 दिन की पैरोल पर बाहर आए राम रहीम अपने सिरसा डेरा में रहेंगे, जो कि 2017 में बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद उनका तीसरा दौरा है। उन्हें सिरसा के डेरा सच्चा सौदा आश्रम में रहने की अनुमति मिली है। पहले, उन्हें उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित शाह सतनाम आश्रम, बरनावा में रहने की इजाजत थी, लेकिन सिरसा जाने की अनुमति नहीं थी।
राम रहीम को अगस्त 2017 में दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इस सजा के बाद पंचकूला और सिरसा में भयंकर हिंसा हुई थी, जिसमें लगभग 40 लोग मारे गए थे। 2019 में, पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें पत्रकार रामचंद्र की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई थी।
हालांकि, राम रहीम की पैरोल पर लगातार आपत्तियां उठती रही हैं। पत्रकार रामचंद्र के बेटे अंशुल छत्रपति हर बार उनकी रिहाई का विरोध करते आए हैं। इससे पहले, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राम रहीम को अपनी गोद ली हुई बेटियों की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल देने से इनकार कर दिया था।