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गुरुग्राम की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या: एक दर्दनाक कहानी

गुरुग्राम की 17 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। उसके पिता ने संदेह के चलते उसे गोली मार दी। राधिका की व्हाट्सएप चैट से पता चलता है कि वह अपने परिवार से दूर जाकर स्वतंत्रता की तलाश में थी। इस घटना ने समाज में बेटियों की आज़ादी पर सवाल उठाए हैं। जानिए इस दर्दनाक कहानी के पीछे की सच्चाई।
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गुरुग्राम की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या: एक दर्दनाक कहानी

राधिका यादव की हत्या का मामला

राधिका हत्या मामला: गुरुग्राम की युवा टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। 17 वर्षीय राधिका को उसके पिता ने संदेह के चलते गोली मार दी। पुलिस की पूछताछ में आरोपी पिता ने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है। इस बीच, राधिका की एक व्हाट्सएप चैट भी वायरल हो रही है, जिसमें उसने अपने कोच से अपने दिल की बात साझा की थी। चैट में, राधिका ने बताया कि वह अपने परिवार से दूर जाना चाहती थी।


व्हाट्सएप चैट में राधिका की भावनाएं

राधिका ने क्या लिखा था चैट में?

एक मीडिया चैनल के पास मौजूद राधिका की व्हाट्सएप चैट के अनुसार, उसने अपने कोच से कहा था, "यहां बहुत सी पाबंदियां हैं, मैं अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना चाहती हूं। मैं परिवार से दूर जाकर दुबई या ऑस्ट्रेलिया में बसने का सोच रही हूं। चीन नहीं जाऊंगी क्योंकि वहां खाने के विकल्प सीमित हैं।" इस बातचीत से स्पष्ट है कि राधिका अपने घरेलू माहौल से संतुष्ट नहीं थी और स्वतंत्रता की तलाश में थी।


हत्या की पृष्ठभूमि

क्या थी हत्या की वजह?

पिता दीपक यादव को गांव वालों की टिप्पणियों ने मानसिक रूप से प्रभावित कर दिया था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि लोग कहते थे, "तू बेटी के पैसे पर जी रहा है, वह गलत तरीके से पैसे कमा रही है।" इन बातों ने उसे डिप्रेशन में डाल दिया और उसने तीन दिन से आत्महत्या या हत्या की योजना बनाई थी। गुरुवार को, जब राधिका ने अकादमी जाने से मना किया, तो दीपक ने गुस्से में आकर चार गोलियां चला दीं, जिससे राधिका की मृत्यु हो गई।


पिता की मानसिक स्थिति

मानसिक स्थिति थी कमजोर

जांच में यह सामने आया है कि दीपक का स्वभाव संदेह और गुस्से से भरा था। वह अक्सर राधिका से पूछता था कि वह किससे बात कर रही है। राधिका ने कई बार उसे आश्वस्त किया कि वह गलत काम नहीं कर रही, लेकिन फिर भी उसके मन में संदेह बना रहा। इसी कारण पिता ने यह घातक कदम उठाया।


हत्या के सबूत

चार गोलियां शरीर से मिलीं, एक गायब

पुलिस ने बताया कि राधिका के शरीर से चार गोलियां निकाली गई हैं, जबकि दीपक ने पांच राउंड फायरिंग की थी। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पांचवीं गोली कहां गई। राधिका यादव की हत्या केवल एक अपराध नहीं है, बल्कि यह उस समाज की तस्वीर है जहां बेटियों की स्वतंत्रता को संदेह की नजर से देखा जाता है। एक प्रतिभाशाली बेटी, जिसने विदेश में बसने के सपने देखे थे, उसे अपने परिवार की पाबंदियों ने हमेशा के लिए चुप करा दिया।