गुरुग्राम बम धमाके: NIA ने खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की

गुरुग्राम में बम धमाकों की जांच में NIA की बड़ी कार्रवाई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हरियाणा के गुरुग्राम में दिसंबर 2024 में हुए दोहरे बम धमाकों के मामले में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कनाडा में छिपे खालिस्तानी आतंकवादी गोल्डी बराड़ सहित पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है। ये धमाके गुरुग्राम के सेक्टर-29 में स्थित दो प्रसिद्ध क्लबों, Warehouse Club और Human Club, के बाहर किए गए थे, जिनका उद्देश्य क्षेत्र में अशांति और सांप्रदायिक तनाव फैलाना था.
चार्जशीट में शामिल आरोपी
चार्जशीट में जिन पांच आरोपियों का नाम है, उनमें गोल्डी बराड़, सचिन टलियान, अंकित, भाविश और अमेरिका में रहने वाला रंजीत सिंह उर्फ रंजीत मलिक शामिल हैं। इन सभी पर भारत के नए आपराधिक कानूनों के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं। इनमें से गोल्डी बराड़ और रंजीत मलिक को छोड़कर बाकी तीन आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
NIA को मिले आतंकी साजिश के पक्के सबूत
NIA की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि यह हमला प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) की एक बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा था। इसका उद्देश्य हरियाणा और आस-पास के राज्यों में हिंसा फैलाकर सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाना था। एजेंसी ने बताया कि इस गहरी आतंकी साजिश की योजना गोल्डी बराड़ और उसके सहयोगियों ने बनाई थी, जिनका नेटवर्क देश और विदेश दोनों में सक्रिय है.
आतंकी गिरोह की गतिविधियाँ
जांच में यह भी सामने आया है कि यह आतंकी गिरोह धमकियों के माध्यम से पैसे वसूलने, आतंकी फंडिंग, विस्फोटक और हथियार जुटाने तथा आम जनता में डर और आतंक फैलाने जैसे कार्यों में संलिप्त है। इन गतिविधियों का उद्देश्य देश की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालना है। NIA ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच अभी भी जारी है और जल्द ही और भी महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं.
गुरुग्राम क्लब ब्लास्ट का घटनाक्रम
10 दिसंबर 2024 को गुरुग्राम के सेक्टर-29 में Warehouse और Human क्लब के बाहर दो देसी बम फेंके गए थे। घटना के बाद सचिन नामक आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जो मेरठ का निवासी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे हरियाणा पुलिस से NIA को सौंपा गया। इसके बाद जांच एजेंसी ने अन्य आरोपियों को भी पकड़ लिया और अब पूरी आतंकी साजिश की परतें एक-एक कर सामने आ रही हैं.