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गुरुग्राम में गरीबों की झुग्गियों को हटाने का आदेश, आशियाना योजना पर सवाल

गुरुग्राम में एचएसवीपी ने गरीबों की झुग्गियों को हटाने का आदेश दिया है, जबकि 2010 से चल रही आशियाना योजना के तहत आवास देने में देरी हो रही है। 220 परिवारों को अवैध रूप से हटाने के आदेश दिए गए हैं, जो न्यायसंगत नहीं हैं। मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन ने इस कार्रवाई को गरीबों के प्रति अन्याय बताया है। क्या सरकार अपने वादों को पूरा करेगी? जानें पूरी कहानी में।
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गुरुग्राम में गरीबों की झुग्गियों को हटाने का आदेश, आशियाना योजना पर सवाल

गुरुग्राम में गरीबों को आवास देने में देरी


  • 2010 से आशियाना योजना के तहत 1088 फ्लैट्स का निर्माण
  • सेक्टर-12ए में 220 परिवारों को अवैध रूप से हटाने के आदेश
  • विभाग ने 2014 में विस्थापन से पहले पुनर्वास का आश्वासन दिया था


गुरुग्राम समाचार। सेक्टर-47 में 2010 में स्थापित आशियाना योजना के तहत 1088 फ्लैट्स को गरीबों को आवंटित करने में सरकार ने देरी की है। हाल ही में, सेक्टर-12ए में रहने वाले 220 परिवारों को अवैध रूप से हटाने के आदेश जारी किए गए हैं, जो कि न्यायसंगत नहीं है। एचएसवीपी मुख्यालय ने 2014 में कहा था कि इन झुग्गियों में रहने वालों को विस्थापित करने से पहले पुनर्वास किया जाएगा।


एचएसवीपी के आदेशों का उल्लंघन

हालांकि, इन परिवारों को अभी तक आवास नहीं दिया गया है। एचएसवीपी विभाग अपने ही आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन एडवोकेट ने कहा कि यह गरीबों के प्रति अन्याय है। एचएसवीपी ने सेक्टर-12ए में झुग्गियों के निवासियों को पत्र भेजकर कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 8 अक्टूबर 2025 को झुग्गियों को हटाने का निर्णय लिया गया है।


जो लोग आशियाना योजना के लिए पात्र हैं या जिनके पास अदालत से स्थगन आदेश हैं, उन पर यह कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्हें अपनी झुग्गियों पर पहचान लिखकर लगाने के लिए कहा गया है। सवाल यह है कि विभाग की योजना पूरी नहीं हुई है, क्योंकि 109 झुग्गियों में से 84 को तोड़ा नहीं जाएगा।


हाईकोर्ट में तथ्य छुपाने का आरोप

अभय जैन ने कहा कि सेक्टर-12ए में रहने वाले लोगों ने बताया कि कुल 109 लोगों ने फ्लैट के लिए आवेदन किया था। कागजात की जांच के बाद 84 लोगों को फ्लैट देने के लिए योग्य माना गया। इन 220 परिवारों के पास आधार कार्ड हैं और वे यहां 40-50 साल से रह रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एचएसवीपी ने उच्च न्यायालय को गुमराह करके झुग्गियों को तोड़ने का आदेश लिया है।