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गुरुग्राम में जुलाई को एंटी-डेंगू माह के रूप में मनाने की पहल

गुरुग्राम में जुलाई को एंटी-डेंगू माह के रूप में मनाने की पहल की गई है। उपायुक्त अजय कुमार ने नागरिकों से डेंगू की रोकथाम में सक्रिय सहयोग की अपील की है। उन्होंने बताया कि डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दें और डेंगू के लक्षणों की पहचान करें। स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू की जांच और इलाज की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
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गुरुग्राम में जुलाई को एंटी-डेंगू माह के रूप में मनाने की पहल

डेंगू की रोकथाम के लिए नागरिकों से सहयोग की अपील


गुरुग्राम के जिला उपायुक्त अजय कुमार ने जुलाई को एंटी-डेंगू माह के रूप में मनाने की घोषणा की है। उन्होंने नागरिकों से डेंगू की रोकथाम में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। डेंगू एक वायरल बीमारी है, जो एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर साफ और ठहरे हुए पानी में दिन के समय पनपता है। इसलिए, यह आवश्यक है कि घरों और आस-पास के क्षेत्रों में पानी जमा न होने दिया जाए।


ड्राई डे का आयोजन

डीसी अजय कुमार ने सुझाव दिया कि हर रविवार को ड्राई डे मनाया जाए, ताकि घरों में मौजूद कूलर, पानी की टंकियां, गमले, फ्रिज की ट्रे, पक्षियों के बर्तन आदि को खाली कर साफ किया जा सके। मच्छर ऐसे स्थानों पर अंडे देते हैं, जिन्हें नियमित रूप से साफ करके डेंगू की रोकथाम की जा सकती है।


डेंगू के लक्षण और जांच

उन्होंने बताया कि डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, माथे में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, स्वाद और भूख में कमी शामिल हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए।


गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में डेंगू की जांच और इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है।


मच्छरों से बचाव के उपाय

यहां प्लेटलेट्स की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है। इसके अलावा, जिले के सिविल अस्पताल में डेंगू जांच की सुविधा भी बिना किसी शुल्क के उपलब्ध है। डीसी ने बताया कि निजी लैबों को निर्देश दिए गए हैं कि वे एनएस-1 और आईजीएम एलीसा आधारित डेंगू जांच के लिए अधिकतम 600 रुपये से ज्यादा शुल्क न लें। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे मच्छरों से बचाव के लिए पूरे बाजू के कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें। पानी के सभी बर्तनों को ढक कर रखें और पानी ठहरने न दें, ताकि गुरुग्राम को डेंगू मुक्त बनाया जा सके।