गुरुग्राम में टेनिस कोच राधिका यादव की हत्या: साजिश का खुलासा

राधिका यादव की हत्या की नई जानकारी
गुरुग्राम में 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी और कोच राधिका यादव की हत्या के मामले में नई जानकारी सामने आई है। राधिका की करीबी दोस्त हिमांशिका सिंह राजपूत ने बताया कि यह घटना आत्महत्या या अचानक गुस्से का परिणाम नहीं थी, बल्कि यह एक सुनियोजित साजिश थी जो तीन दिन पहले से तैयार की गई थी। हिमांशिका ने कहा कि राधिका के पिता ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए अपने बेटे को घर से बाहर भेजा, मां को एक कमरे में रखा और कुत्ते को बाहर निकाल दिया। इसके बाद सही समय पर चार गोलियां चलाकर राधिका की हत्या की गई।हिमांशिका ने यह भी बताया कि राधिका लंबे समय से आत्मनिर्भर थी और अपनी टेनिस अकादमी चला रही थी, लेकिन उसके पिता दीपक यादव को यह सब पसंद नहीं था। दीपक आर्थिक तानों से परेशान थे और अपनी बेटी की स्वतंत्रता से तनाव में थे। हालांकि सोशल मीडिया पर 'लव जिहाद' जैसी अटकलें चल रही थीं, हिमांशिका ने स्पष्ट किया कि राधिका का कोई प्रेम संबंध नहीं था और हत्या के पीछे पारिवारिक और आर्थिक तनाव ही मुख्य कारण थे।
गुरुग्राम पुलिस ने पहले ही बताया था कि यह हत्या एक सोची-समझी योजना का परिणाम थी। आरोपित पिता के मानसिक और भावनात्मक तनाव के बारे में भी जानकारी सामने आई है। दीपक यादव ने घटना से तीन दिन पहले राधिका या खुद को मारने की धमकी दी थी, जो इस बात का संकेत है कि हत्या पूर्व नियोजित थी। यह मामला केवल एक पिता की दुश्मनी नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता और आत्मसम्मान पर पारिवारिक नियंत्रण की खतरनाक परिणति को भी उजागर करता है।
पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और राधिका के भाई धीरज को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। दीपक यादव को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया और अदालत ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि राधिका को चार गोलियां लगी थीं, जो प्रारंभिक एफआईआर में दर्ज 'पीठ से तीन गोलियां' वाले संस्करण से भिन्न हैं। यह घटना एक आकस्मिक अपराध नहीं, बल्कि एक पारिवारिक योजनाबद्ध हत्या की कहानी है, जो समाज को गंभीर संदेश देती है कि बेटियों के फैसलों और स्वतंत्रता का विरोध कितना खतरनाक हो सकता है।