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गुरुग्राम में तीन टावरों का नियंत्रित विस्फोट से ध्वस्तीकरण

गुरुग्राम के चिंतल्स पैराडाइसो में तीन टावरों का ध्वस्तीकरण एक नियंत्रित विस्फोट के माध्यम से किया गया। यह कदम फरवरी 2022 में हुई एक दुखद घटना के बाद उठाया गया, जिसमें निर्माण गुणवत्ता पर सवाल उठे थे। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की कहानी और सुरक्षा उपायों के बारे में।
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गुरुग्राम में तीन टावरों का नियंत्रित विस्फोट से ध्वस्तीकरण

गुरुग्राम के चिंतल्स पैराडाइसो में टावरों का ध्वस्तीकरण

गुरुवार का दिन गुरुग्राम के चिंतल्स पैराडाइसो सोसाइटी के लिए एक महत्वपूर्ण और भावुक क्षण था। सुरक्षा कारणों से असुरक्षित घोषित किए गए तीन टावरों - डी, ई और एफ - को नियंत्रित विस्फोट के माध्यम से सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया गया। दोपहर 2:30 बजे, एक बटन दबाते ही ये विशाल इमारतें ताश के पत्तों की तरह गिर गईं, जिससे चारों ओर धूल का गुबार छा गया।


इन टावरों को गिराने का निर्णय क्यों लिया गया? यह घटना फरवरी 2022 में हुई एक दुखद दुर्घटना से जुड़ी है, जब टावर-डी की छठी मंजिल की छत अचानक गिर गई थी, जिसमें दो महिलाओं की जान चली गई थी। इस घटना के बाद, निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे।


इस मामले की जांच के लिए आईआईटी-दिल्ली की एक टीम बनाई गई, जिसने अपनी रिपोर्ट में इन टावरों को "रहने के लिए असुरक्षित" घोषित किया। रिपोर्ट में यह पाया गया कि निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता बेहद खराब थी, जिससे ये टावर कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते थे। इसी आधार पर इन तीनों टावरों को गिराने का निर्णय लिया गया।


ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को एडिफिस इंजीनियरिंग को सौंपा गया, जिसने पहले भी नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया था।


इस ध्वस्तीकरण के लिए लगभग 600 किलो विस्फोटक का उपयोग किया गया। आसपास के निवासियों और टावरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पास की सोसाइटियों को भी खाली कराया गया और क्षेत्र को 'एक्सक्लूजन जोन' घोषित किया गया।


ध्वस्तीकरण पूरी तरह से सफल रहा और योजना के अनुसार हुआ, जिसमें किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि, इस प्रक्रिया ने सैकड़ों परिवारों के सपनों को तोड़ दिया, लेकिन यह बिल्डरों की लापरवाही के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है। यह दर्शाता है कि जब लोगों की सुरक्षा की बात आती है, तो कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता।