गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में परिणामों में देरी से छात्रों में बढ़ी निराशा

गुरुग्राम यूनिवर्सिटी: छात्रों की चिंता और प्रशासनिक खामियां
गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में परिणामों में देरी से छात्रों में बढ़ी निराशा: गुरुग्राम यूनिवर्सिटी में अकादमिक प्रबंधन की समस्याओं ने हजारों छात्रों के भविष्य को संकट में डाल दिया है। नए सेमेस्टर की परीक्षाएं चल रही हैं, लेकिन पिछले वर्ष के परिणाम अब तक घोषित नहीं हुए हैं, जिससे छात्रों में हताशा और असमंजस का माहौल बना हुआ है।
तकनीकी समस्याओं और अव्यवस्थित प्रणाली ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। कई छात्रों को एक ही विषय की परीक्षा बार-बार देनी पड़ रही है, फिर भी उनके परिणाम या तो लंबित हैं या रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हुए हैं। यह स्थिति न केवल छात्रों के शैक्षणिक जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी कमजोर कर रही है।गुरुग्राम यूनिवर्सिटी
पिछले साल दिसंबर 2024 में पहले सेमेस्टर की परीक्षा देने वाले लगभग 20,000 छात्र अब तक अपने परिणामों का इंतजार कर रहे हैं, जबकि उनके दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं। छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की परीक्षा प्रणाली पूरी तरह से चरमरा गई है।
कई छात्रों को री-अपीयर का स्टेटस मिला है, और कुछ को एक ही विषय में तीन से चार बार परीक्षा देनी पड़ी है। फिर भी, परिणामों की अनिश्चितता बनी हुई है। एक छात्र अभिनव ने बताया कि जन्मतिथि में गलती के कारण उनकी एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स में आईडी नहीं बन पा रही है, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है।
इसी तरह, छात्रा विधि ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि उन्हें केवल पहले सेमेस्टर का परिणाम मिला है, और दूसरे व तीसरे सेमेस्टर के परिणामों की स्थिति अस्पष्ट है। इस वजह से वह री-अपीयर फॉर्म भी नहीं भर पाईं। यूनिवर्सिटी प्रशासन से मदद मांगने पर भी कोई ठोस समाधान नहीं मिला।
यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक रमेश गर्ग ने बताया कि नवंबर 2024 में पुराने ईएमएस पोर्टल को बंद कर समर्थ पोर्टल पर स्विच किया गया, क्योंकि पुराना पोर्टल एक निजी कंपनी द्वारा संचालित था, जिसने काम बंद कर दिया। इस बदलाव में करीब 40,000 छात्रों का डेटा अपलोड किया गया, लेकिन तकनीकी समस्याओं ने प्रक्रिया को जटिल बना दिया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि छात्रों की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। फिर भी, यह स्थिति छात्रों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। उनकी मांग है कि यूनिवर्सिटी न केवल परिणामों को समय पर घोषित करे, बल्कि तकनीकी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सुधारे, ताकि भविष्य में ऐसी परेशानियां न हों। यह मुद्दा शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत को रेखांकित करता है।