गृह मंत्रालय का नया कार्यालय: सेंट्रल विस्टा परियोजना में बदलाव

नई दिल्ली में गृह मंत्रालय का स्थानांतरण
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत, दिल्ली के शक्ति केंद्र का स्वरूप बदलना शुरू हो गया है। लगभग 90 वर्षों तक सत्ता का केंद्र रहे रायसीना हिल्स स्थित नॉर्थ ब्लॉक को गृह मंत्रालय ने खाली करना प्रारंभ कर दिया है। मंत्रालय अब इंडिया गेट के निकट कर्तव्य पथ पर बने नए भवन 'सीसीएस-3' में स्थानांतरित हो रहा है।
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और कई संयुक्त एवं अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी अपने स्टाफ के साथ पहले ही नए सीसीएस-3 भवन में स्थानांतरित हो चुके हैं। अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के भी अगले कुछ दिनों में स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यालय अभी स्थानांतरित नहीं हुआ है, लेकिन इसकी प्रक्रिया भी चल रही है। नए भवन में गृह मंत्रालय को लगभग 350 कमरे आवंटित किए गए हैं।
ब्रिटिश वास्तुकार हर्बर्ट बेकर द्वारा डिज़ाइन किया गया यह लाल बलुआ पत्थर का भव्य भवन अब इतिहास का हिस्सा बनने जा रहा है। सेंट्रल विस्टा योजना के तहत, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को पूरी तरह से खाली करने के बाद इन्हें एक विशाल संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा, जिसका नाम 'युगे युगीन भारत' होगा। यह संग्रहालय 1.55 लाख वर्ग मीटर में फैला होगा और इसमें 950 कमरे होंगे, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक बनाएगा।
सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत सभी मंत्रालयों के लिए कर्तव्य पथ पर 10 कार्यालय भवनों का एक केंद्रीय सचिवालय परिसर बनाया जाना है, जिनमें से पहले तीन भवन पहले ही तैयार हो चुके हैं। नए सीसीएस-3 भवन में गृह मंत्रालय के अलावा विदेश मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) समेत कई अन्य महत्वपूर्ण विभागों के कार्यालय भी होंगे।