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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह हुआ दो हिस्सों में विभाजित

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह अब दो हिस्सों में विभाजित हो गया है। गोल्डी बराड़ ने रोहित गोदारा के साथ मिलकर नया गिरोह बना लिया है। इस नए गठबंधन ने कई चर्चित अपराधों में भाग लिया है, जिसमें सलमान खान के घर पर फायरिंग और सिद्धू मूसेवाला की हत्या शामिल हैं। दोनों गैंगस्टरों के बीच विचारधारा का अंतर इस विभाजन का मुख्य कारण है। जानें इस नए विकास के बारे में और क्या है इसके पीछे की कहानी।
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गैंग का विभाजन

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का गिरोह अब दो भागों में बंट चुका है। कनाडा में छिपा गोल्डी बराड़, लॉरेंस से अलग होकर रोहित गोदारा के साथ मिलकर एक नया गिरोह बना चुका है। इन गैंगस्टरों ने सलमान खान के निवास पर गोलीबारी, सिद्धू मूसेवाला की हत्या और बाबा सिद्दीकी की हत्या जैसे कई गंभीर अपराध किए हैं।


सूत्रों के अनुसार, लॉरेंस और उसका भाई अनमोल बिश्नोई गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं, जबकि गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा कनाडा में सक्रिय हैं। हालांकि, इस विभाजन की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन हाल की घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं।


गैंग के टूटने का मुख्य कारण दोनों के बीच विचारधारा का अंतर है। लॉरेंस खुद को हिंदू गैंगस्टर के रूप में प्रस्तुत करता है, जबकि गोल्डी बराड़ के खालिस्तानियों से संबंध हैं। पंजाब पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि गोल्डी बराड़ खालिस्तानियों के संपर्क में है।


हाल ही में उत्तराखंड के व्यापारी हरजीत सिंह ढड्डा की कनाडा के मिसिसागा में हत्या की गई, जिसके लिए गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा ने जिम्मेदारी ली। यह पहली बार था जब लॉरेंस के नाम का उल्लेख नहीं किया गया। सूत्रों का कहना है कि पिछले दो महीनों से दोनों के बीच तनाव चल रहा था।


गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा वही गैंगस्टर हैं जिन्होंने लॉरेंस के निर्देश पर विदेश में रहते हुए कई अपराध किए हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली और अन्य गंभीर मामले शामिल हैं। इन दोनों ने भारत के साथ-साथ कनाडा, अमेरिका, यूके और यूरोप में भी लॉरेंस के विरोधियों की हत्या की है। इनमें सुखा दुनीके का नाम प्रमुख है, जो खालिस्तानी समर्थक अर्श दल्ला का करीबी सहयोगी था।