गोपाल खेमका हत्या मामले में बेउर जेल में छापेमारी: सुराग मिले

गोपाल खेमका हत्या मामले की छानबीन
गोपाल खेमका हत्या मामला: पटना के प्रसिद्ध व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के बाद शनिवार को बेउर केंद्रीय कारावास में एक महत्वपूर्ण छापेमारी की गई। यह कार्रवाई पटना के आईजी जीतेंद्र राणा और कमिश्नर डॉ. चंद्रशेखर के नेतृत्व में लगभग सवा घंटे तक चली। छापेमारी के दौरान जेल परिसर को पूरी तरह से छावनी में बदल दिया गया था।
आईजी राणा ने बताया कि खेमका हत्या मामले में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर यह कार्रवाई की गई। यह संभावना जताई जा रही है कि हत्या की योजना जेल के भीतर ही बनाई गई थी या इसमें बंद कैदियों की संलिप्तता हो सकती है।
बरामद किए गए मोबाइल और संदिग्ध नंबर
बरामद हुए मोबाइल और नंबर
पटना के कमिश्नर डॉ. चंद्रशेखर ने जानकारी दी कि छापेमारी के दौरान तीन मोबाइल फोन, कुछ संदिग्ध सामान और कई संदिग्ध नंबर बरामद किए गए हैं। इन नंबरों की जांच विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की जा रही है। ये मोबाइल नंबर गोपाल खेमका हत्या मामले से जुड़े संभावित आरोपियों से संबंधित हो सकते हैं।
सुरक्षा बलों की तैनाती
भारी सुरक्षा बल की तैनाती
इस कार्रवाई में आधा दर्जन थानेदार, कई डीएसपी रैंक के अधिकारी और 100 से अधिक बिहार मिलिट्री पुलिस (BMP) के जवान शामिल थे। जेल परिसर के हर ब्लॉक और बैरक की गहन तलाशी ली गई।
संभावित साजिश और प्रशासन की भूमिका
संभावित साजिश और प्रशासन की सख्ती
खेमका हत्या मामला पटना में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़ा कर चुका है। इस हत्या की गूंज राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर सुनाई दी है। अब जब संकेत मिले हैं कि साजिश जेल से जुड़ी हो सकती है, तो जेल प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है।