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गोरखपुर में वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना को मिली मंजूरी

गोरखपुर में वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। यह प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा, जो 50 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि पर स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा के उपनियंत्रक पदों पर विभागीय अधिकारियों की तैनाती का रास्ता भी साफ हो गया है। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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गोरखपुर में वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना को मिली मंजूरी

गोरखपुर में नया विश्वविद्यालय


UP News: गोरखपुर को जल्द ही वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय की सौगात मिलने जा रही है। इस संबंध में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा प्रस्तावित विश्वविद्यालय की स्थापना को सोमवार को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है।


यह विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय होगा। गोरखपुर में इसकी स्थापना के लिए प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। केंद्र सरकार ने पहले ही इस परियोजना को सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति प्रदान की थी। यह विश्वविद्यालय कैम्पियरगंज रेंज के भारी वैसी वन ब्लॉक में 50 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि पर स्थापित किया जाएगा।


राज्य सरकार ने खजनी तहसील के ग्राम पधरहा मिश्र में 50 हेक्टेयर गैर वन भूमि को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए उपलब्ध कराया है। इस परियोजना की कुल लागत 621.26 करोड़ रुपये अनुमानित की गई है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 49.99 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।


सभी जिलों में उपनियंत्रक पदों की तैनाती

अब सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा के उपनियंत्रक पदों पर विभागीय अधिकारियों की तैनाती होगी


इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा के उपनियंत्रक पदों पर विभागीय अधिकारियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट ने उप्र नागरिक सुरक्षा उप नियंत्रक सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2025 को लागू करने की मंजूरी दी है। पहले यह व्यवस्था केवल 26 जिलों में लागू थी, लेकिन अब इसे सभी जिलों में लागू करने की मांग काफी समय से उठ रही थी।


पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद उत्तर प्रदेश में नागरिक सुरक्षा संगठन को और मजबूत करने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा की गई थी। इसमें उपनियंत्रक पदों पर विभागीय अधिकारियों की तैनाती का मुद्दा प्रमुख था। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और 60 नए उपनियंत्रक पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है। इस संशोधित नियमावली के लागू होने से विभागीय कर्मियों की पदोन्नति का मार्ग भी सरल हो जाएगा।