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गौ माता की सेवा को आर्थिक आधार बनाएं: कुलपति डॉ. दीप्ति धर्मानी का संदेश

डॉ. दीप्ति धर्मानी ने गौ माता की सेवा को आर्थिक आधार बनाने का महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने पूर्व मंत्री बाबू रामभजन अग्रवाल की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और गौ सेवा के महत्व पर जोर दिया। कार्यक्रम में उनके जीवन के संघर्ष और योगदान पर भी चर्चा की गई। जानें इस प्रेरणादायक कार्यक्रम के बारे में और कैसे गौ माता को हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।
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गौ माता की सेवा को आर्थिक आधार बनाएं: कुलपति डॉ. दीप्ति धर्मानी का संदेश

गौ माता की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि


  • स्व. रामभजन अग्रवाल की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम
  • कुलपति डॉ. दीप्ति धर्मानी ने गौशाला में दी श्रद्धांजलि


(Bhiwani News) भिवानी। चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. दीप्ति धर्मानी ने पूर्व मंत्री स्वर्गीय बाबू रामभजन अग्रवाल की पुण्यतिथि पर भिवानी स्थित गौशाला में श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर वे अपने परिवार के साथ उपस्थित रहीं। कुलपति ने गौशाला में आयोजित 'गौ स्वामणि' कार्यक्रम में भाग लेते हुए गौ माता को गुड़ खिलाया और बाबूजी को श्रद्धांजलि अर्पित की।


कुलपति ने कहा, "गौ माता हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। हर परिवार को गौ सेवा को अपनाकर इसे आर्थिक संसाधन के रूप में उपयोग करना चाहिए। इससे आत्मनिर्भरता के साथ-साथ जीवन में सुख और शांति का संचार होता है।" कार्यक्रम में भाजपा भिवानी जिलाध्यक्ष मंडल सदस्य मीनू अग्रवाल ने कुलपति का स्वागत करते हुए बाबूजी के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बाबू रामभजन अग्रवाल का जीवन संघर्षों से भरा रहा।


धार्मिक और सामाजिक योगदान


बाबू रामभजन अग्रवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में संघर्ष करते हुए मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और 1943 में डीसीएम मिल में क्लर्क के रूप में कार्य शुरू किया। अपनी मेहनत और निष्ठा से वे प्रबंधक बने। इसके बाद 1992-93 में 'चिनार मिल' की स्थापना की, जो आज कपड़ा बाजार में एक प्रमुख ब्रांड है। धार्मिक क्षेत्र में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने श्रीराम कुंज सत्संग धाम की स्थापना की, जहां प्रमुख संतों का आगमन होता रहा।


गौ सेवा को परम सेवा मानने वाले बाबू अग्रवाल जी जीवनभर गौशाला के प्रधान रहे और प्रतिदिन प्रात:काल गौ सेवा करते थे। उनके इसी समर्पण के कारण वे समाज में 'गौभक्त पुरुष' के रूप में प्रसिद्ध हुए। राजनीति में भी उन्होंने सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। वे हरियाणा विकास पार्टी से 1991 और 1996 में विधायक निर्वाचित हुए और हरियाणा पर्यटन एवं गृह राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।


शिक्षा क्षेत्र में उन्होंने वैश्य कॉलेज के प्रधान रहते हुए अनेक पाठ्यक्रम प्रारंभ कराए और संस्थान का विस्तार किया। 30 जुलाई 2012 को उन्होंने गौशाला में गौ सेवा करते हुए प्रभु चरणों में प्रस्थान किया। उनका जीवन समर्पण, सादगी और सेवा का प्रतीक रहा।


इस पुण्य स्मरण अवसर पर शहर के गणमान्य लोग, भुपेन्द धर्माणी, श्री गौशाला ट्रस्ट के अध्यक्ष मोहनलाल बुवानीवाला, चिनार मिल अध्यक्ष नंदकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम दास अग्रवाल सहित परिवार जन उपस्थित रहे। दिनभर विभिन्न सेवा कार्य जैसे पौधारोपण, भोजन वितरण और स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित किए गए।